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Thursday, April 24, 2025

“जब तक पिछड़ों को बराबरी नहीं मिलेगी, राष्ट्र की प्रगति अधूरी रहेगी” — आशीष पटेल

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– राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री,और अपना दल (एस) के संस्थापक आशीष पटेल से यूथ इंडिया के ग्रुप एडिटर शरद कटियार की सीधी बात

लखनऊ । वीआईपी इलाके 1, माल एवेन्यू स्थित मंत्री आवास पर यूथ इंडिया के ग्रुप एडिटर शरद कटियार ने उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और अपना दल (एस) के संस्थापक आशीष पटेल से विशेष मुलाक़ात की। इस साक्षात्कार में मंत्री पटेल ने न सिर्फ पिछड़े वर्गों की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर बेबाक राय रखी, बल्कि सरकार की नीतियों और अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला।

सवाल: मंत्री जी, आजकल पिछड़ा वर्ग राजनीति के केंद्र में है। आप इसे किस रूप में देखते हैं?

आशीष पटेल: यह सिर्फ राजनीतिक विमर्श नहीं, बल्कि ऐतिहासिक अन्याय की भरपाई का समय है। पिछड़े वर्गों ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया, लेकिन उन्हें प्रतिनिधित्व और संसाधनों में बराबरी नहीं मिली। अब समय है कि उन्हें अधिकार भी मिले और सम्मान भी।

सवाल: आपकी पार्टी पिछड़ों की आवाज मानी जाती है। आप किन प्रमुख मांगों को आगे बढ़ा रहे हैं?

आशीष पटेल: हमारा मुख्य फोकस है — शिक्षा में आरक्षण का पूर्ण पालन, सरकारी भर्तियों में उचित प्रतिनिधित्व और आर्थिक आधार पर भी पिछड़े वर्गों को लाभ। इसके अलावा हम ‘क्रीमी लेयर’ की वर्तमान सीमा की समीक्षा की भी मांग कर रहे हैं ताकि अधिक वंचित तबकों तक लाभ पहुंचे।

सवाल: क्या सरकार इन मांगों पर गंभीर है?

आशीष पटेल: हमारी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं पिछड़े वर्गों के उत्थान को प्राथमिकता दे रहे हैं। कई योजनाएं — जैसे ‘मुख्यमंत्री ओबीसी छात्रवृत्ति योजना’, ‘ओबीसी उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ — इसी दिशा में कदम हैं।

सवाल: आपका निजी अनुभव क्या कहता है? क्या आप मानते हैं कि अभी भी सिस्टम में भेदभाव है?

आशीष पटेल: जी हां, आज भी कई स्थानों पर सामाजिक और संस्थागत भेदभाव दिखाई देता है। मेरा प्रयास यही है कि नीतिगत बदलाव के ज़रिए हम ऐसी असमानताओं को समाप्त करें। पिछड़े वर्गों को सिर्फ सहानुभूति नहीं, बल्कि शक्ति देने की ज़रूरत है।

सवाल: युवाओं के लिए कोई खास संदेश?

आशीष पटेल: पढ़िए, जागरूक बनिए, और संगठित रहिए। सामाजिक न्याय कोई भीख नहीं, ये हक है। अपने हक के लिए संघर्ष करना ही असली राष्ट्रसेवा है।

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