31.5 C
Lucknow
Tuesday, June 24, 2025

बिजली निजीकरण के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा का विरोध, मुख्यमंत्री व राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा

Must read

फर्रुखाबाद। संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे राज्यव्यापी अभियान के अंतर्गत सोमवार को किसान सभा के बैनर तले का. बलवीर सिंह के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति को संबोधित दो अलग-अलग ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अपर विकास अधिकारी (राजस्व) को सौंपे।

मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली दरों में 45% तक बढ़ोतरी कर निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाना चाहती है, जिससे घरेलू बिजली दरें ₹13 प्रति यूनिट तक पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह आम आदमी को लालटेन युग की ओर धकेलने जैसा है। ज्ञापन में बताया गया कि बिजली विभाग का घाटा दिखाकर भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि ₹72,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि बड़े उपभोक्ताओं से वसूली जानी चाहिए।

ज्ञापन में सरकार से निम्न मांगें की गईं:

बिजली का निजीकरण रोका जाए

स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बंद हो

45% बिजली दर वृद्धि वापस ली जाए

नलकूपों के लिए 18 घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे व शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली दी जाए

300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाए

बिजली उपभोक्ताओं से टैक्स के नाम पर वसूले गए ₹31,275 करोड़ रुपये वापस किए जाएं

राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में नेशनल पॉलिसी फ्रेमवर्क ऑन एग्रीकल्चर मार्केटिंग का विरोध करते हुए इसे कृषि कानूनों की पुनः वापसी करार दिया गया। इसके साथ ही मुक्त व्यापार समझौतों से कृषि क्षेत्र को बाहर रखने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार एमएसपी की गारंटी देने, बिजली विधेयक 2022 को वापस लेने, किसानों को कर्जमुक्त करने, वृद्धों को ₹10,000 पेंशन देने व ईपीएफओ पेंशनर्स को न्यूनतम ₹7,500 + महंगाई भत्ता देने की मांगें भी शामिल रहीं।

ज्ञापन सौंपने वालों में का. बलवीर सिंह, का. रामकुमार, का. प्रमोद कुमार शाक्य, का. सुनील कुमार कटियार, का. रक्षपाल सिंह, अभिषेक कुमार समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article