प्रत्येक आरोपी को एक लाख दस हजार पांच सौ रूपये के अर्थदंड से दंडित किया
आरोपियों ने प्रेम संबंध के शक में की थी हत्या
फर्रुखाबाद: अपर जिला जज एंव सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 7 न्यायाधीश अंकित कुमार मित्तल ने हत्या व साक्ष्य मिटाने के मामले में नन्दू उर्फ बृजकिशोर पुत्र मलखान सिंह धोबी , सवसुख पुत्र हरदयाल निवासीगण गदनपुर देवराजपुर कमालगंज को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेकर आजीवन कारावास (life imprisonment) से दंडित किया। बीते पंद्रह वर्ष पूर्व थाना कमालगंज क्षेत्र के ग्राम गदनपुर देवराजपुर के निवासी शिवम पुत्र नरेश चंद्र ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि हमारे गांव के मलखान सिंह की लड़की करीब एक माह पहले हमारे घर के सामने से होकर जा रही थी तो उसने हमारे भाई राजीव से बातचीत कर लिया जिस पर रंजना का भाई के उसको मारा पीटा था उसको शक था उसकी बहन का नाजायज संबंध में मेरे भाई से है तभी से उसके घर वाले नाराज रहते है।
दिनांक 16 अक्टूबर 2009 को रंजना का दूसरा भाई नन्दू उर्फ बृजकिशोर जो दिल्ली में काम करता है वह तीन से घर पर गाली गलौज कर रहा था दिनांक 18 अक्टूबर को नन्दू उर्फ बृजकिशोर, मलखान , सवसुख ने मिलकर रंजना को मेरे भाई के साथ नाजायज संबंध के शक में समय शाम सात बजे अपने घर के आंगन में कुल्हाड़ी व चाकू से काटने लगे जिस पर वह बहुत तेज चिल्लाने लगे हम लोग अपने घर पर थे हम लोगों को भी डर लगने लगा रंजना की हत्या कर के बाद तीन लोग शव को उठाकर हमारे घर की तरफ आने लगे तो हम लोगों ने अपना दरवाजा बंद कर था।
अपनी छत पर चले गए उपरोक्त तीनों लोगों ने हमारा दरवाजा तोड़कर लाश को हमारे घर में रख दिया उसके बाद नन्दू का भाई रंजीत आया और लाश को हमारे घर से लाश को उठाकर अपने दरवाजे पर ले गया तथा नन्दू की बहन अर्चना ने अपने घर में पड़े आंगन में पड़े खून को खुरचकर मिट्टी गांव के बाहर फेंककर अपने घर के आंगन में पड़े खून को साफ कर दिया रंजना की लाश नन्दू के ही दरवाजे पर पड़ी हुई घटना को गांव के कई लोगों ने घटना को देखा।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर माननीय न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता संजीव कटियार की कुशल पैरवी के आधार पर न्यायाधीश अंकित कुमार मित्तल ने नन्दू उर्फ बृजकिशोर को आजीवन कारावास व एक लाख दस हजार पांच सौ रूपये के अर्थदंड से सवसुख को आजीवन कारावास व एक लाख दस हजार पांच सौ रूपये के अर्थदंड से दंडित किया मुकदमा विचारण के दौरान मलखान , रंजीत की मृत्यु हो चुकी है।


