उमेश यादव की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

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– राजनीति से लेकर संत समाज तक भावभीनी विदाई

– सुहेलदेव समाज पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रहे उमेश यादव को गंगा तट तक सैकड़ो लोगों ने नम आंखों से विदा किया

फर्रुखाबाद। कभी-कभी कोई व्यक्ति अपने कर्मों और व्यवहार से इतना बड़ा हो जाता है कि उसकी पहचान किसी पद या पार्टी से नहीं, बल्कि जनता के दिलों में दर्ज प्रेम से होती है।
वही नज़ारा मंगलवार को फतेहगढ़ की धरती पर देखने को मिला, जब सुहेलदेव समाज पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और कमालगंज क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य रहे उमेश यादव की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा।
फतेहगढ़ के जाफरी मोहल्ले से लेकर मां गंगा की गोद तक हजारों लोग उमेश यादव के अंतिम दर्शन को पहुंचते रहे।
भीड़ ऐसी थी मानो पूरा जनपद थम गया हो।
हर चेहरा गमगीन था, हर आंख में आंसू थे — लेकिन उनमें सम्मान भी था, उस व्यक्ति के लिए जिसने जीवनभर लोगों का साथ निभाया, चाहे राजनीति हो या सामाजिक जीवन।
दिल्ली की सीमाएं टूट गईं, लोग दूर-दूर से उमेश के अंतिम दर्शन के लिए आए।
कई बुजुर्ग महिलाएं, नौजवान और साथी उनके घर के बाहर रो पड़े।
उनके सहज, विनम्र और मददगार स्वभाव ने हर दिल में जगह बनाई थी।
किसी ने कहा,
> “उमेश भाई जैसे लोग राजनीति में नहीं, रिश्तों में जिए।”
अंतिम यात्रा में सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, पूर्व विधान परिषद सदस्य मनोज अग्रवाल, समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव, डॉ. नवल किशोर शाक्य, डॉ. जितेंद्र सिंह यादव, सुहेलदेव समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
हर किसी ने नम आंखों से उस मिलनसार व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि दी।
सोशल मीडिया पर उमेश यादव के निधन की खबर फैलते ही जनमानस के साथ संत समाज भी गहरे शोक में डूब गया।
दुर्वासा ऋषि आश्रम से लेकर क्षेत्र के कई प्रमुख संतों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
आश्रम के संतों ने कहा —
> “उमेश का जीवन सेवा, संयम और सहयोग का उदाहरण था। उनका जाना समाज की अपूरणीय क्षति है।”
संतों ने उनके चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर भावभीनी विदाई दी और कहा कि ऐसे कर्मशील लोग देह छोड़कर भी अमर रहते हैं।
आश्रम में हुए विशेष प्रार्थना आयोजन में उनके लिए शांति पाठ किया गया।
जब मां गंगा की लहरों के बीच उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ, तो वातावरण में एक ऐसी खामोशी थी जिसमें हजारों शब्द छिपे थे।
लोग मौन खड़े थे, और बस एक ही बात हर दिल में थी,
> “उमेश यादव चले गए, पर उनके जैसे लोग कहीं खोते नहीं… वे हर दिल में बस जाते हैं।”
यूथ इंडिया परिवार उमेश यादव जी की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता है और शोकाकुल परिवार को गहरी संवेदना अर्पित करता है।
वह न केवल नेता थे, बल्कि जनसेवा की जीवंत मिसाल थे — और यही कारण है कि आज पूरा जनपद उन्हें याद कर रो रहा है।

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