यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। मौसम में असामान्य उतार-चढ़ाव से जन जीवन प्रभावित हो गया है। कभी अचानक बारिश के कारण मौसम ठंडा हो जाता है, लेकिन जब बारिश नहीं होती, तो उमस के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। रात की नींद भी बिजली की आवाज से प्रभावित हो जाती है, जिससे लोग परेशान हो जाते हैं। पिछले महीने की भीषण गर्मी के बाद आई बारिश ने कुछ राहत दी थी, लेकिन उमस ने उस राहत को बेचैनी में बदल दिया। बारिश के बाद सडक़ों पर पानी भर जाता है, लेकिन उमस के कारण आम आदमी पसीने-पसीने हो जाता है। इस अजीब गर्मी से लोगों में बेचैनी बढ़ रही है। एक दशक पहले बरसात के मौसम में ठंडी हवाओं का अनुभव होता था, लेकिन अब सितंबर में भी गर्मी का एहसास होने लगा है। यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है। वृक्षों की अत्यधिक कटाई, हरियाली की कमी, और प्राकृतिक संपदा का दोहन इस अजीब गर्मी के प्रमुख कारण हैं। विकास के नाम पर जंगलों की कटाई और खेतों की बदलती भूमि उपयोग की नीति ने भी वातावरण को प्रभावित किया है।