“माँ सबकी मरती हैं, ड्रामे की ज़रूरत नहीं है। प्रैक्टिकल रहो, तुरंत जॉइन करो।”
नई दिल्ली: UCO Bank के ज़ोनल हेड (Zonal Head) के कथित असंवेदनशील बयान ने पूरे बैंकिंग सेक्टर में हलचल मचा दी है। मामला तब सामने आया जब एक ब्रांच हेड ने अपनी मां के निधन पर शोक अवकाश की मांग की।
ज़ोनल हेड ने इस पर कहा: “माँ सबकी मरती हैं, ड्रामे की ज़रूरत नहीं है। प्रैक्टिकल रहो, तुरंत जॉइन करो।” इस बयान ने कर्मचारियों की भावनाओं को गहरा झटका दिया। बैंक यूनियन ने कहा कि ऐसे मामलों की पहले भी शिकायतें हो चुकी हैं, जिसमें अधिकारी कर्मचारियों की व्यक्तिगत परिस्थितियों को नजरअंदाज कर अमानवीय रवैया अपनाते रहे।
बैंकिंग सेक्टर में पहले से ही दबाव, टारगेट और तनाव बहुत अधिक है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उच्च अधिकारी संवेदनशीलता नहीं दिखाएंगे, तो कर्मचारी मनोबल खो देंगे। इस प्रकरण के सार्वजनिक होने के बाद बैंक स्टाफ़ एसोसिएशन इसे उच्च स्तर पर उठाने की तैयारी कर रही है। यह मामला एक बार फिर सरकारी बैंकों में मानव संसाधन प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकिंग संस्थानों में कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति और संवेदनशील रवैये की कमी लंबे समय में कार्यक्षमता और मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।


