23 साल पुराना मामला, दो की हो चुकी मौत
फर्रुखाबाद: विशेष न्यायाधीश Gangster Act रितिका त्यागी की अदालत ने 23 साल पुराने गैंगस्टर एक्ट के मामले में दो सगे भाइयों को दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल कठोर कारावास (prison) और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न अदा करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह मामला 28 मई 2002 को कायमगंज थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था। तत्कालीन थानाध्यक्ष एस.डी. शर्मा ने गांव टिलिया मुडोल निवासी सहोरन, रामबरन, कन्हई और बहोरन पुत्रगण पुत्तूलाल बाथम के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि चारों भाई गिरोह बनाकर हत्या, मारपीट, धमकी, रंगदारी और अवैध वसूली जैसे अपराधों को अंजाम देते हैं। ग्रामीण इनके भय से गवाही देने से भी कतराते थे। इनके खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे।
पुलिस विवेचना पूरी कर चारों भाइयों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान कन्हई और बहोरन की मौत हो गई। शेष दो भाइयों—सहोरण और रामबरन के खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से शैलेश परमार, भानु प्रताप सिंह और राजीव कुमार ने पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और गवाहियों व सबूतों पर विचार करने के बाद अदालत ने सहोरन व रामबरन को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।