वॉशिंगटन: नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों — अमेरिका और चीन — के बीच फिर से तनाव बढ़ गया है। ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी उत्पादों पर 100 फीसदी टैरिफ (tariffs) लगाने का ऐलान किया है। यह आदेश 1 नवंबर 2025 से लागू होगा।
ट्रंप ने इस बड़े फैसले की घोषणा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट के जरिए की। उन्होंने लिखा — “1 नवंबर 2025 से (या चीन की किसी भी नई कार्रवाई के आधार पर पहले) अमेरिका चीन से सभी आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएगा, जो वर्तमान में भुगतान किए जा रहे किसी भी टैरिफ के ऊपर होगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन की नीतियों ने अमेरिका को कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए लिया गया है। ट्रंप ने यह भी संकेत दिए कि भविष्य में अन्य देशों के लिए अलग-अलग फैसले किए जा सकते हैं।
वर्तमान में चीन से अमेरिका को निर्यात होने वाले लगभग हर उत्पाद पर पहले से ही भारी शुल्क लागू है। औसत प्रभावी टैरिफ दर करीब 40 फीसदी है, जिसमें स्टील और एल्युमिनियम पर 50 फीसदी तथा उपभोक्ता वस्तुओं पर 7.5 फीसदी तक का शुल्क शामिल है।
ट्रंप ने हाल ही में अपनी दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि “अब उस मुलाकात का कोई कारण नहीं है।” ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स पर प्रतिबंध जारी रखा, तो अमेरिका और भी सख्त कदम उठा सकता है।
ट्रंप ने अपने पोस्ट में चीन पर आरोप लगाया कि वह इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर चिप्स, लेज़र और अन्य उन्नत तकनीकों में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ तत्वों तक पहुंच को सीमित कर दुनिया को “बंधक” बना रहा है। उन्होंने लिखा — “मैंने राष्ट्रपति शी से बात नहीं की है, क्योंकि अब ऐसा करने का कोई कारण नहीं बचा।”
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की एक नई शुरुआत हो सकती है, जिसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी गहरा पड़ेगा।


