ओवैसी की हुंकार: पाकिस्तान को आईना, कुरान को सम्मान
प्रशांत कटियार
भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच चल रहे सैन्य तनाव के बीच जब भावनाएं उबाल पर थीं और सीमा पर गोलियों की आवाज़ें गूंज रही थीं, उस समय एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने जो कहा, उसने न सिर्फ सच्चाई को उजागर किया, बल्कि पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा की चूलें हिला दीं। ओवैसी ने पाकिस्तान के हालिया सैन्य अभियान “ऑपरेशन बुनयान-उल-मरसूस” को कुरान की आयतों की गलत व्याख्या पर आधारित बताया और इस्लाम के नाम पर झूठ फैलाने वाले मुल्क को आइना दिखाया।
पाकिस्तानी झूठ का धार्मिक मुखौटा
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि बुनयान उल मरसूस का ज़िक्र कुरान शरीफ की आयत नंबर 4 में है जहाँ अल्लाह कहता है कि “जो अल्लाह से मोहब्बत करते हैं, वे एक मजबूत दीवार की तरह संगठित खड़े होते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले की आयत, यानी आयत नंबर 2, कहती है तुम ऐसी बातें क्यों कहते हो जो तुम करते नहीं?। ओवैसी ने इस बात को रेखांकित किया कि पाकिस्तान केवल आयत नंबर 4 का हवाला देता है, लेकिन आयत नंबर 2 को नजरअंदाज करता है, जो उनके पाखंड को उजागर करता है।
ओवैसी ने दो टूक लहजे मे कहा
धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना और पवित्र ग्रंथों का इस्तेमाल अपने राजनैतिक या सैन्य फायदे के लिए करना पाकिस्तान की पुरानी चाल रही है। ओवैसी ने इस दोहरे मापदंड पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि पाकिस्तान की आर्मी कुरान की आयतों को हथियार बनाकर दुनिया को गुमराह कर रही है। यही नहीं, उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 9/11 के बाद पाकिस्तान ने अपने ही मुस्लिम नागरिकों को अमेरिकी एजेंसियों को महज 15,000 डॉलर में सौंप दिया था। यह बयान अपने आप में पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर करने वाला था।
ओवैसी ने जम्मू कश्मीर के पुंछ में हुए हमले को लेकर भी पाकिस्तान पर हमला बोला, जहाँ 14 लोगों की हत्या की गई, जिनमें 4 मासूम बच्चे भी शामिल थे। उन्होंने पूछा क्या यही है तुम्हारी इस्लामी सोच? इस सवाल ने पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क और उसकी कथित इस्लामपरस्ती के खोखलेपन को पूरे विश्व के सामने ला खड़ा किया।
ओवैसी की लोकप्रियता में उछाल
ओवैसी का यह साहसी और तथ्यात्मक बयान न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि सभी जाति व वर्ग के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक उनकी स्पष्टवादिता की सराहना की जा रही है। कई छोटे दलों के कार्यकर्ताओं ने AIMIM की विचारधारा को समर्थन देना शुरू कर दिया है और ओवैसी को एक सच्चे राष्ट्रवादी और धार्मिक मूल्यों के रक्षक के रूप में देखा जा रहा है। एक आवाज़ जो झूठ के खिलाफ गूंज रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने साबित कर दिया है कि सच्चा मुसलमान न सिर्फ कुरान की सही व्याख्या करता है, बल्कि जब उसका दुरुपयोग होता है, तो खुलकर उसका विरोध भी करता है। पाकिस्तान जैसे पाखंडी राष्ट्रों को जवाब देने के लिए भारत को ऐसे ही स्पष्टवादी, निर्भीक और विद्वान नेताओं की जरूरत है।इस बार लड़ाई सिर्फ सरहद पर नहीं, बल्कि विचारधारा और सच्चाई की रक्षा की भी है और ओवैसी ने इस लड़ाई में मोर्चा संभाल लिया है।
लेखक- दैनिक यूथ इंडिया के डिप्टी एडिटर हैं।