रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री (former Chief Minister) भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) की मुसीबत बढ़ती जा रही है। चैतन्य बघेल को कोर्ट ने ईडी रिमांड खत्म होने के बाद आज मंगलवार को बड़ी सुनवाई की है। ईडी रिमांड खत्म होने के बाद आज चैतन्य को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया और उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड (judicial remand) पर जेल भेज दिया है। आपको बता दें कि, ईडी ने बीते 18 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया था।
चैतन्य बघेल पर छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और 18 जुलाई की सुबह भिलाई स्थित बघेल निवास पर ईडी ने छापा मारकर उनके जन्मदिन के मौके पर ही गिरफ्तार किया था। मामले में पूछताछ के लिए कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा था. रिमांड खत्म होने पर आज उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया गया।
बीते 21 जुलाई को ईडी रायपुर जोनल कार्यालय की ओर से प्रेस नोट शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल को बीते 18 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई। ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था।