प्रेरणादायी जीवन के लिए दी गई सच्ची पुष्पांजलि
फर्रुखाबाद। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सर्चलाइट भवन में मातेश्वरी जगदंबा (मम्मा) के स्मृति दिवस पर एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र संचालिका बी.के. मंजु बहन ने मातेश्वरी के तपस्वी जीवन और आध्यात्मिक गुणों का वर्णन किया।
उन्होंने बताया कि मम्मा बाल्यावस्था से ही “हाँ जी” जैसे विनम्र स्वभाव और आज्ञाकारी वृत्ति के कारण सभी की प्रिय बन गई थीं। अर्न्तमुखता, सत्यता, निर्भयता, क्षमाभाव, दातृत्व, शुभचिंतन और गम्भीरता जैसे गुणों से युक्त मातेश्वरी ने अपना सम्पूर्ण जीवन ईश्वरीय सेवा में समर्पित कर दिया।
मातेश्वरी को संगीत कला में विशेष रुचि थी और उनका जीवन मंत्र था – “हुक्मी हुक्म चला रहा है।” इसी नशे और निश्चय से उन्होंने विश्व भर में एक आध्यात्मिक पहचान बनाई। 24 जून 1965 को मातेश्वरी ने अपना साकार शरीर त्याग अव्यक्त स्थिति में प्रवेश किया था।
भ्राता सुरेश गोयल ने कहा कि मातेश्वरी की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में उपस्थित बी.के. भाई-बहनों ने अपने अनुभव साझा किए और श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी को अंगूर का प्रसाद वितरण के बाद ब्रह्माभोजन भी कराया गया।
इस मौके पर बीबीगंज चौकी के उपनिरीक्षक नितिन कुमार, उमाशंकर सक्सेना, शिवराम कश्यप, संजीव वर्मा, बीके बाबूराम, भगवानदास, रामदास, कमला, जशोदा, सोनी मेहरोत्रा, बीना बहन, सुमन, रजनी बहन सहित अनेक भाई-बहन उपस्थित रहे।