– निषाद पार्टी के ज़िला अध्यक्ष अनिल कश्यप की अध्यक्षता में बढ़पुर कार्यालय पर हुआ आयोजन, समाजसेवियों ने दी श्रद्धांजलि
फर्रुखाबाद: वीरांगना फूलन देवी (Veerangana Phoolan Devi) की 24वीं पुण्यतिथि (death anniversary) के अवसर पर निषाद पार्टी के ज़िला अध्यक्ष अनिल कश्यप के नेतृत्व में बढ़पुर स्थित पार्टी कार्यालय पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कश्यप समाज के वरिष्ठ समाजसेवी, अधिवक्ता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे और सभी ने फूलन देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
सभा में वरिष्ठ समाजसेवी मूलचंद्र बाथम ने वीरांगना फूलन देवी के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के एक गरीब मल्लाह परिवार में हुआ था। बाल विवाह के पश्चात उन्होंने घरेलू अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई और अंततः अन्याय का विरोध करते हुए चंबल की ओर रुख किया।
पुजारी सुरेंद्र कश्यप ने उनके चंबल के संघर्ष और गैंग में शामिल होने के पीछे की परिस्थितियों को उजागर किया। वहीं अनिल कश्यप ने कहा कि फूलन देवी ने केवल सात माह में अपने ऊपर हुए अन्याय का बदला लेकर देश-विदेश में आयरन लेडी के नाम से पहचान बनाई। उन्होंने गरीबों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहकर समाजसेवा को प्राथमिकता दी।
अधिवक्ता अजीत बाथम ने बताया कि 13 फरवरी 1983 को फूलन देवी ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने जेल में 11 वर्ष बिताए, फिर राजनीति में प्रवेश कर 1996 में मिर्जापुर से सांसद निर्वाचित हुईं। उनके जीवन पर आधारित फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ 1994 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रही।
अरविंद बाथम ने कहा कि जीवन संघर्षों से भरा होता है और शिक्षित समाज ही अत्याचारों से लड़ सकता है। वहीं विमल बाथम ने महर्षि कश्यप के दिखाए मार्ग पर चलने और भाईचारे की भावना को बनाए रखने की बात कही। इस अवसर पर अमरनाथ कश्यप, बाबूराम कश्यप, ज्ञानेंद्र कश्यप, सुरेंद्र पुजारी, मुकेश चंद्र बाथम, इंद्र कश्यप, मौजी राम बाबा, कैलाश शंकर, सुरेश कश्यप, नीरज कश्यप, आदि मौजूद रहे।