फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश परिवाहन निगम (Transport Corporation) फर्रुखाबाद डिपो में कार्यरत स्टेशन इंचार्ज (station incharge) गौरी शंकर व्दारा फर्जी जाति एवम शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति कराकर विगत 32 वर्षों में करोडो रूपये के घोटाला करने का आरोप लगाते हुए परिवहन निगम के पूर्व भी.सी.नवी शेर ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में जांच कराने और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
आरोप लगाया गया कि गौरी शंकर स्टेशन इंचार्ज ने तहसील जलेसर जनपद एटा के फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दिनांक 18-02-1986 को वनवाकर अपने नाम के मृतक व्यक्ति के शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर मोटी रकम देकर दिनांक 08-04-1994 को परिचालक के पद पर नियुक्त करा ली तत्पश्चात उपरोक्त गौरी शंकर ने अधिकारियो से मिलकर वरिष्ठ लिपिक के पद पर प्रोन्नति करा ली।
गौरी शंकर ने दिनांक 08-10-2010 को छिबरामऊ डिपो में लाखों रूपये के कंप्यूटर में घोटाला किया और कंप्यूटर जला दिये । कंप्यूटर जला दिये जाने घोटाले की जाँच नहीं हो सकी ।पत्र में अवगत कराया गया कि 2007 को फर्रुखाबाद डिपो में कैश का गवन हुआ था उस समय गौरी शंकर केन्द्र प्रभारी का कार्य देख रहे थे उस खजाने की डबल लॉक की चाबी गौरी शंकर के पास रहती थी ।
आरोपी गौरी शंकर के रिश्तेदार कृपाल सिंह क्षेत्रीय प्रबन्धक इटावा के पद पर कार्यरत थे जिनकी मिलीभगत से गौरी शंकर ने दिनांक 2010 में 17 ए टी एम मशीने एवम एक कंप्यूटर जलवा दिया था जिससे लाखो रूपये का घोटाला हुआ था तथा उत्तर प्रदेश सरकार को लाखो रूपये की क्षति हुई परन्तु गौरी शंकर के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई।
1997-98 में फर्रुखाबाद डिपो की कार्यशाला में डीजल टैंक की टंकी थी जिसपर गौरी शंकर ने हेरा फेरी कर 82 हजार लीटर डीजल गबन किया था जो जाँच दल को डिग्गी तालाब में बह जाना दिखाकर खाना पूरी कर दी गयी। परन्तु न तो किसी अधिकारी ने राजस्व घोटाले की न तो जाँच की है और न राजस्व वसूली हेतु कोई कार्यवाही की है। इस प्रकार गौरी शंकर उत्तर प्रदेश साकार को करोडो रूपये की क्षति पहुंचा चुके हैं। नवी शेर ने कहा कि बराबर शिकायतें की गयीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में आरोपी के विरुद्ध जांच करने और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।