बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव क्षेत्र के ट्रांस गेरुआ इलाके में बुधवार देर शाम एक बड़ा हादसा हो गया। भरथापुर गांव के ग्रामीणों से भरी नाव कौड़ियाला नदी में डूब गई। नाव में 22 लोग सवार थे। इनमें से 13 लोग तैरकर किसी तरह किनारे पहुंच गए, जबकि एक महिला का शव बरामद हुआ है। 8 लोग अब भी लापता हैं। एक महिला गंभीर रूप से घायल अवस्था में झाड़ियों में फंसी मिली, जिसे सीएचसी मिहींपुरवा में भर्ती कराया गया है।
ग्रामीणों के मुताबिक भरथापुर गांव घने जंगल और गेरुआ नदी के पार स्थित है, जहां के लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए लखीमपुर खीरी के खैरटिया बाजार नाव से आते-जाते हैं। बुधवार को दोपहर में ग्रामीण खरीदारी के लिए बाजार गए थे। शाम लगभग 5:30 बजे सभी लोग नाव पर सवार होकर वापस लौट रहे थे। जब नाव भरथापुर घाट से करीब 200 मीटर पहले पहुंची, तभी अनियंत्रित होकर पलट गई। नदी में तेज बहाव होने से अफरातफरी मच गई।
गांव के चार लोग लक्ष्मी नारायण, रानी देवी, ज्योति और हरिमोहन —
तैरकर किसी तरह बच निकले और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर रात करीब 9 बजे एसडीएम मिहींपुरवा रामदयाल, तहसीलदार धर्मेंद्र कुमार और थानाध्यक्ष सुजौली प्रकाश चंद्र शर्मा मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया।
मिला एक महिला का शव, आठ की तलाश जारी
एसडीएम ने बताया कि अब तक एक महिला रामजेई (65) पत्नी मटरू का शव बरामद हुआ है। 13 लोग सुरक्षित हैं, जबकि आठ लोग अब भी लापता हैं। इनमें नाविक मिहिलाल यादव (38), शिवनंदन मौर्य (50), सुमन (28), सोहनी (5), शिवम (9), शांति की पांच वर्षीय पुत्री और मृतका रमजैया के दो पोते शामिल हैं।
नदी किनारे झाड़ियों में मिली बेहोश महिला
घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर मंझरा बांध के पास एक महिला बेहोशी की हालत में झाड़ियों में फंसी मिली। आशंका है कि नाव पलटने के बाद वह तैरकर किनारे पहुंची, लेकिन ज्यादा पानी पी जाने से बेहोश हो गई। महिला को तत्काल एंबुलेंस से सीएचसी मिहींपुरवा भेजा गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
नाव हादसे की वजह बना नदी में गिरा पेड़ का ठूंठ
भरथापुर घाट से 200 मीटर पहले नदी में एक पेड़ का ठूंठ पड़ा हुआ था, जो हाल ही की कटान में गिरा था। जलस्तर बढ़ने और तेज बहाव के चलते नाव उसी ठूंठ से टकराकर पलट गई। अंधेरा होने से नाविक को खतरे का अंदाजा नहीं हो सका।
बचाव कार्य जारी, छह एंबुलेंस तैनात
जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि मौके पर छह एंबुलेंस लगाई गई हैं। एसएसबी के जवान, स्थानीय गोताखोर और प्रशासनिक टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। गोंडा से एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है। अंधेरा और कमजोर नेटवर्क राहत कार्य में बाधा डाल रहा है, लेकिन लापता लोगों की तलाश तेज की गई है।






