– मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव संजय प्रसाद तक पहुँची शिकायत
– प्रदेशभर में बायो डीजल पंपों से हो रही थी तेल कालाबाजारी
– जांच तेज,जीएसटी विभाग अभी मौन
फर्रुखाबाद (विशेष संवाददाता) : फर्रुखाबाद के चर्चित तेल माफिया पवन पंकज कटियार के खिलाफ लगातार बड़े खुलासे हो रहे हैं। नेकपुर कलां में आवास विकास कालोनी के निकट कीमती जमीन पर अवैध प्लाटिंग और अब एक सरकारी तालाब को पाटने की साजिश ने शासन-प्रशासन तक को चौंका दिया है। इस मामले की शिकायतें सीधे मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव संजय प्रसाद तक पहुंच चुकी हैं, जिसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
बुलडोजर की तैयारी, तालाब की पैमाइश पर जोर
हालांकि अभी तक अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर चला है,सरकारी तालाब पर बुलडोजर नहीं चला है, लेकिन प्रशासन ने कार्यवाही की तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार जिस जमीन को भराव कर तालाब पर कब्जा किया जा रहा था, वह राजस्व अभिलेख में तालाब के रूप में दर्ज है। वैसे मौजूदा कर्मी बचाने में लगे हैं।शासन के कड़े रुख के बाद जल्द ही मौके पर बुलडोजर कार्यवाही हो सकती है। प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने स्थल का निरीक्षण कर पैमाइश शुरू कर दी है।
सदर तहसील कर्मियों की संलिप्तता संदिग्ध
अवैध कब्जे और प्लाटिंग और सरकारी तालाब के पीछे सदर तहसील के कुछ कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आई है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि बिना किसी वैध अनुमति के जमीन का स्वरूप बदलने दिया गया, जिसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं थी। शासन स्तर पर उच्चस्तरीय जांच टीम गठित किए जाने की संभावना प्रबल होती जा रही है।
बायो डीजल पंप से तेल की कालाबाजारी, यूपी नेडा ने भी कसे शिकंजे
पवन पंकज कटियार पहले से ही प्रदेश में बायो डीजल पंपों की चेन के जरिए तेल की कालाबाजारी के मामलों में जांच के घेरे में है। यूपी नेडा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रदेश में बायो डीजल से जुड़े नियमों को और कड़ा कर दिया है। पंप लाइसेंस, आपूर्ति स्रोत और टैक्स चुकाने की प्रक्रिया की जांच शुरू हो चुकी है।
जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
नेकपुर कलां क्षेत्र के नागरिकों ने इस अवैध प्लाटिंग और सरकारी जमीन पर कब्जे के खिलाफ आक्रोश जताया है। लोगों की मांग है कि पवन पंकज कटियार और उसके साथियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर तत्काल कार्यवाही की जाए।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार शासन स्तर से एक विशेष जांच दल (SIT) गठित कर पूरे प्रकरण की जांच की जा सकती है। यदि दोष सिद्ध हुए तो पवन कटियार और उससे जुड़े अधिकारियों व कर्मियों पर कठोर कार्यवाही तय मानी जा रही है।