- इलाके में दहशत फैली,पीलीभीत के मेवातपुर गांव की घटना, डीएम ने पहुंचकर दिया मदद का भरोसा
पीलीभीत। पीलीभीत जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक और दर्दनाक घटना सामने आई है। न्यूरिया थाना क्षेत्र के गांव मेवातपुर उर्फ शेरगंज में रविवार रात खेत में सिंचाई करने गए किसान पर बाघ ने हमला कर दिया। हमले में किसान की मौके पर ही मौत हो गई। सोमवार सुबह खेत से उसका अधखाया शव मिलने के बाद गांव में कोहराम मच गया। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान बाघ ने वन कर्मियों पर भी झपटने की कोशिश की, लेकिन रेंजर सहित सभी कर्मचारी बाल-बाल बच गए। घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध जताया।
खेत में मिला अधखाया शव
जानकारी के अनुसार, गांव मेवातपुर निवासी मुकेश उर्फ गुड्डू (35) रविवार की रात माला रेंज क्षेत्र के गन्ने से घिरे खेत में फसल की सिंचाई करने गया था। देर रात तक वापस न लौटने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की। सोमवार सुबह बनकटी पुलिस चौकी के पास स्थित खेत में उसका शव बरामद हुआ, जो अधखाया हालत में था। शव को देखकर स्पष्ट हो गया कि उस पर जंगली जानवर, खासतौर से बाघ ने हमला किया है।
डीएम ने दिए तार फेंसिंग के निर्देश
घटना की सूचना मिलते ही न्यूरिया थानाध्यक्ष सुभाष मावी मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे। कुछ ही देर में सदर एसडीएम आशुतोष गुप्ता और वन विभाग की टीम भी पहुंच गई। ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह खुद मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए शासन से अनुमन्य मुआवजा तत्काल दिलाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जंगल से सटे गांवों में तार फेंसिंग का कार्य कराने के निर्देश भी डीएफओ को दिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
माला रेंज के रेंजर रोबिन सिंह ने बताया कि यह हादसा रविवार रात हुआ जब मुकेश खेत में पानी लगा रहा था। प्राथमिक जांच में बाघ के हमले की पुष्टि हुई है। इलाके में वन विभाग की गश्त और निगरानी को बढ़ा दिया गया है। साथ ही आसपास के खेतों में कैमरे लगाकर बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने की तैयारी की जा रही है।
ग्रामीणों में डर का माहौल
इस घटना के बाद मेवातपुर और आसपास के गांवों में भय का माहौल है। किसान अब रात के समय खेतों में जाने से डर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से बाघ को पकड़ने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बार जंगली जानवरों के हमले हो चुके हैं, लेकिन विभाग की ओर से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।