चित्रकूट: यूपी के चित्रकूट (Chitrakoot) जिले में एक स्टिंग ऑपरेशन (sting operation) के बाद बड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। इस कार्रवाई में पुलिस अधिकारियों द्वारा ओवरलोड ट्रकों को जाने देने के लिए “शुल्क” की आड़ में ट्रक चालकों से कथित तौर पर पैसे वसूलने का खुलासा हुआ है। एक मीडिया एजेंसी द्वारा किए गए इस स्टिंग ने स्थानीय पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो वायरल होने के बाद, चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरुण कुमार सिंह ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने राजापुर थाने के उप-निरीक्षक इमरान खान और कांस्टेबल रणवीर सिंह (भरतकूप), अजय मिश्रा (राजापुर) और शुभम द्विवेदी (पहाड़ी) को इस अवैध धंधे में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया।
इसके अलावा, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। एसपी अरुण कुमार सिंह ने तीन थाना प्रभारियों (एसएचओ) पंकज तिवारी (राजापुर), अनुपमा तिवारी को निलंबित करने का निर्देश दिया है। (पहाड़ी) और मनोज चौधरी (भरतकूप) को प्रारंभिक जांच के बाद जबरन वसूली रैकेट में लापरवाही या मिलीभगत का पता चला।
आगे की जाँच के लिए राजापुर और कर्वी सदर के क्षेत्राधिकारियों (सीओ) को जाँच सौंप दी गई है। स्टिंग ऑपरेशन में इस बात पर प्रकाश डाला गया था कि कैसे ट्रकों को “प्रवेश शुल्क” के रूप में भारी रकम देकर गुजरने दिया जा रहा था, जो कथित तौर पर बांदा, चित्रकूट और कौशाम्बी जिलों में आम बात है, जिसमें कई पुलिस इकाइयों के समन्वित प्रयास शामिल हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा सोशल मीडिया पर स्टिंग वीडियो साझा करने और सख्त कार्रवाई की मांग करने के बाद इस मुद्दे ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया। इससे प्रशासन पर शामिल भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया। अब विभागीय कार्रवाई शुरू होने के साथ, इस घटना ने क्षेत्र में परिवहन प्रवर्तन प्रणाली में भ्रष्टाचार को लेकर व्यापक चिंता पैदा कर दी है। पुलिस विभाग ने चल रही जाँच में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


