कोलकाता: सिलीगुड़ी (Siliguri) में तीन लोगों को कथित तौर पर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के अधिकारी बनकर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि, आरोपियों ने राज्य में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान आम नागरिकों के दस्तावेजों में “सुधार” या “सुधार” करने के नाम पर उनसे कथित तौर पर पैसे वसूले।
माटीगाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज एक लिखित शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, खुफिया विभाग और सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने संयुक्त जाँच शुरू की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों खुद को वरिष्ठ एनआईए अधिकारी बताकर फ़ोन करते थे और लोगों को पैसे देने के लिए धमकाते थे।
कई दिनों की निगरानी के बाद, अधिकारियों ने उनके मोबाइल लोकेशन का पता लगाया और शनिवार को उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के दौरान कई मोबाइल फ़ोन, विभिन्न दस्तावेज़ों की फ़ोटोकॉपी और एक कार ज़ब्त की गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “आरोपी खुद को एनआईए अधिकारी बताकर लोगों को गुमराह करते थे।
शिकायत दर्ज होने के बाद, हमने तुरंत कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हमारा मानना है कि इस रैकेट में और भी लोग शामिल हैं, और उनका पता लगाने के प्रयास जारी हैं।” गिरफ्तार लोगों की पहचान पंजीपाड़ा निवासी अहसान अहमद और रेहर बाबर और सिलीगुड़ी के सेवोके रोड निवासी माणिक रॉय के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि वे सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में झूठी पहचान के साथ घूम रहे थे, कमजोर नागरिकों को निशाना बना रहे थे और धमकियों व गलत सूचनाओं के ज़रिए पैसे ऐंठ रहे थे। जाँचकर्ताओं को यह भी संदेह है कि गिरोह ने एसआईआर प्रक्रिया से जुड़ी उलझन का फायदा उठाकर कई लोगों को ठगा और उनके दस्तावेज़ों में “सुधार” करने का झूठा दावा करके उनसे बड़ी रकम वसूल की।


