– न्यायालय ने दोषियों पर 28-28 हजार रुपए का लगाया जुर्माना, न्यायिक हिरासत में भेजा गया
फर्रुखाबाद, मोहम्मदाबाद: कोतवाली मोहम्मदाबाद (Kotwali Mohammadabad) क्षेत्र के ग्राम नगला खरिक में हुई 21 वर्ष पुरानी मारपीट की घटना में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (additional district and sessions judge) (ईसी एक्ट) न्यायाधीश (judge) तरुण कुमार प्रथम की अदालत ने तीन सगे भाइयों को दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल के कठोर कारावास और 28-28 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दोषी करार दिए गए अभियुक्तों में मउवा उर्फ विश्वनाथ, मंशाराम और खिलौना उर्फ रामकुमार पुत्रगण स्व. प्रभुदयाल, निवासी ग्राम नगला खरिक, थाना मोहम्मदाबाद शामिल हैं। घटना 21 वर्ष पूर्व, वर्ष 2004 की है। पीड़ित दिलदार शर्मा निवासी नगला खरिक ने कोतवाली मोहम्मदाबाद में दी तहरीर में बताया था कि उनके बाबा रामगोपाल शर्मा बीमार थे और एक सुबह करीब 6:30 बजे जब वह पेशाब कर रहे थे, तभी तीनों अभियुक्तों ने उन्हें अपशब्द कहने शुरू कर दिए। जब दिलदार ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने लाठी-डंडा और तमंचा निकालकर उनके साथ मारपीट की।
शोरगुल सुनकर जब पीड़ित का भाई और चाचा बीच-बचाव करने पहुंचे तो आरोपियों ने उन्हें भी बुरी तरह पीटा। घटना के बाद पुलिस ने एनसीआर दर्ज की थी, लेकिन घायलों के मेडिकल परीक्षण और मामले की गंभीरता को देखते हुए धारा 308, 323, 324, 325, 504, 506 में बढ़ोतरी की गई। विवेचक ने आवश्यक साक्ष्य और गवाहों के आधार पर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।
लंबी सुनवाई और विचारण के बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को उचित मानते हुए तीनों अभियुक्तों को दोषी पाया। अदालत ने कहा कि मामले में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं, जिससे अभियुक्तों की संलिप्तता सिद्ध होती है। बचाव पक्ष के तर्कों को खारिज करते हुए न्यायाधीश तरुण कुमार प्रथम ने तीनों आरोपियों को तीन-तीन वर्ष के कारावास के साथ-साथ 28-28 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
इस मुकदमे के विचारण के दौरान अभियुक्तों के पिता प्रभुदयाल की मृत्यु हो चुकी है। इस मामले में न्याय मिलने में भले ही दो दशक से ज्यादा का वक्त लग गया हो, लेकिन न्यायालय ने यह संदेश दिया है कि अपराध चाहे जितना पुराना हो, कानून के शिकंजे से बचना संभव नहीं है। न्यायिक व्यवस्था ने पीड़ित पक्ष को आखिरकार राहत दी है।