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Tuesday, August 5, 2025

तीन अभियुक्तों को गैर इरादतन हत्या में आठ-आठ वर्ष की सजा, तीस-तीस हजार का अर्थदंड

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-एससी/एसटी विशेष न्यायालय ने सुनाया फैसला, न्यायिक हिरासत में भेजे गए दोषी

फर्रुखाबाद: ग्यारह साल पुराने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (session judge) (विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट) अभिनितिम उपाध्याय ने तीन अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आठ-आठ वर्ष के कठोर कारावास और तीस-तीस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा (Punishment) सुनाई है। सभी दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। सजा पाने वालों में पवन शुक्ला पुत्र सुनील, मोनू उर्फ नवीन कटियार, और कलेक्टर पुत्र किशोर, निवासी महरूपुर सहजू, फतेहगढ़ शामिल हैं। इन तीनों को गैर इरादतन हत्या के तहत दोषी पाया गया है।

यह मामला 6 अगस्त 2014 की रात का है। फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम महरूपुर सहजू निवासी रंजीत पुत्र दिवारीलाल जाटव ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तहरीर के अनुसार, वह रात करीब 9 बजे अपने पिता दिवारीलाल की तलाश में निकला था, तभी उसने महरूपुर पुलिया के नीचे एक गड्ढे में देखा कि पवन, मोनू, और कलेक्टर उसके पिता के साथ गला दबाकर और नाक-मुंह पर लात-घूंसे मारकर मारपीट कर रहे थे।

रंजीत के मुताबिक, जैसे ही उन्होंने शोर मचाया और उन्हें ललकारा, आरोपी धमकी देते हुए भाग निकले कि “आगे आए तो गोली मार देंगे”। पीड़ित दिवारीलाल को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने रंजीत की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। विवेचक ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता की प्रभावी पैरवी और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने तीनों को दोषी माना।

विशेष न्यायाधीश अभिनितिम उपाध्याय ने सजा सुनाते हुए कहा कि मामला गैर इरादतन हत्या का है, जहां अभियुक्तों की हरकतों के कारण एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गई। अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए तीनों अभियुक्तों को 8 वर्ष का कठोर कारावास और 30-30 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है।

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