अमृतपुर/फर्रुखाबाद: गंगा (Ganga) एवं रामगंगा में आई विनाशकारी बाढ़ ने 70 से अधिक गांवो के लोगों को मुसीबत में डाल दिया। खाने-पीने आने जाने की समस्याओं को लेकर ग्रामीण परेशान रहे। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी इनके विकास में रोड़ा बनी और अब गंगा के कटान ने इनको हिला के रख दिया। जिससे इनकी हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन अब गंगा कटान में धराशाई हो गई।
ग्राम करनपुर घाट एवं ग्राम फखरपुर के रहने वाले किसान जिसमें ओम हरि मुकेश प्रकाश देवेंद्र अनिल छोटे लल्ला श्री कृष्ण गुड्डू रामबरन दलविंदर रामशरण नन्ही देवी राधा रामबाबू रामकिशोर बलबीर ब्रह्म दत्त रमेश आदि दर्जनों किसानों के खेत इस पानी में बह गए। इन लोगों ने बताया कि इस उपजाऊ जमीन पर वह गेहूं एवं गन्ने की फसल उगाते थे। जिससे उन्हें मुनाफा हो जाता था और परिवार चलाने में दिक्कत नहीं होती थी। लेकिन अब गंगा के तेज कटान में उपजाऊ कृषि भूमि कट जाने के कारण इन लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
जिससे उनकी आमदनी का जरिया कम हो जाएगा और पारिवारिक स्थिति डगमगा सकती है। जब से गंगा की धारा बहाव के चलते मुड़ी है उसके बाद से यह कटान शुरू हो गया। इन लोगों ने शासन से मांग की है कि इस कटान को रोकने के लिए यहां पर पत्थर डालकर व्यवस्था बनाई जाए। जिससे हजारों बीघा उपजाऊ जमीन को कटने से रोका जा सके।