लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बताया कि नवम्बर में प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी पांच लाख करोड़ रुपये की होगी, जिससे प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाया जा सके।
उन्होने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में निवेशक निवेश करने आ रहे हैं, वहीं प्रदेश के सर्वांगीण विकास सहित अथाह रोजगार का सृजन हो रहा है। 2017 के बाद से प्रदेश में जिस तरह से औद्योगिक विकास ने गति पकड़ी है, उसे लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए कार्मिकों की आवश्यकता है। इसके लिए अधिकारियों को कार्मिक कैडर रिव्यू करने, प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को तैनात करने, प्रतिष्ठित संस्थानों के युवाओं को कैम्पस इंटरव्यू व अन्य प्रक्रिया के तहत साथ लेकर औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीईओ इन्वेस्ट यूपी विजय किरण आनन्द ने बताया कि अभी हाल ही में दो लाख करोड़ रूपए का निवेश करने वाली 62 कम्पनियों को एलओसी दिया गया है। हर महीने 10 कम्पनियों को एलओसी जारी करने का लक्ष्य है। विजय किरण आनन्द ने बताया कि निवेश को धरातल पर उतारने के लिए लीड्स तैयार किए गए हैं। 371 कम्पनियां चाइना से आना चाहती हैं, जिनसे सम्पर्क करने के साथ ही मीटिंग का प्रयास किया जा रहा है। ताकि ऐसी कम्पनियों को उत्तर प्रदेश में लाया जा सके।
गौरतलब है कि एक दिन पूर्व हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में 12 लाख 10 हजार 274 करोड़ रूपए की 16 हजार 478 परियोजनाएं शामिल हुई। जिनमें से चार लाख 33 हजार 528 करोड़ की 8 हजार 363 परियोजनाओं का वाणिज्यिक संचालन शुरू हो गया है। वहीं सात लाख 76 हजार 746 करोड़ रूपए की 8 हजार 115 परियोजनाएं क्रियान्वयनाधीन हैं।
आनन्द ने बताया कि इन्वेस्ट इंडिया द्वारा भी इनवेस्ट के लिए लीड्स दिए जा रहे हैं। प्रत्येक लीड के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर निर्धारित किए गए हैं। बताया गया कि जनपद स्तर पर 19 हजार 523 एमओयू उद्यमी मित्रों एवं जीएम डीआईसी के मध्य वितरित किए गए हैं। फॉर्च्यून 500 इंडिया एवं फॉर्च्यून नेक्स्ट 500 इंडिया की सूची में शामिल 814 कम्पनियां अकाउंट मैनेजरों को आवंटित की गई हैं। भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई 574 परियोजना-विशिष्ट पीएलआई अनुमतियों में से 70 परियोजनाएं वर्तमान में उत्तर प्रदेश में क्रियान्वयनाधीन हैं। साथ ही नए लीड्स की सुविधा के लिए इन्वेस्ट इंडिया के साथ लगातार समन्वय जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि विनिर्माण क्षेत्र में कुछ फैक्ट्रियां महिलाओं के लिए प्रतिबंधित थी। जिनमें महिलाओं को अब छूट की अनुमति प्रदान की गई है। ऐसी फैक्ट्रियों में मिट्टी के बर्तनों कार्पेट एवं ऊनी दरी ब्रास के वस्तुओं, ताला एवं हार्डवेयर विनिर्माण कार्य शामिल हैं। वहीं कुछ प्रतिबंधित फैक्ट्रियां प्रतिबंध के दायरे से हटाने के लिए प्रक्रियाधीन हैं।