प्रधान और रोजगार सेवक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
सीतापुर: ब्लॉक परसेंडी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) ग्रामीण गरीबों को रोजगार देने की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्राम स्तर पर श्रमिकों को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। लेकिन सीतापुर जनपद के ब्लॉक परसेंडी अंतर्गत ग्राम पंचायत गौरा अर्जुन पुर में इस योजना का लाभ वास्तविक श्रमिकों की बजाय भ्रष्ट तंत्र को मिलता नजर आ रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों और सूत्रों द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, पंचायत के प्रधान और रोजगार सेवक मिलकर योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं और सरकारी धन का दुरुपयोग खुलेआम किया जा रहा है। मिट्टी पटाई कार्य में श्रमिकों” की भरमार इसी प्रकार एक अन्य कार्य में भी बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। ओमकार के खेत से नदी तक मिट्टी पटाई का कार्य मनरेगा के अंतर्गत चल रहा है।
इस कार्य के लिए कुल 75 श्रमिकों के नाम दर्ज हैं। कि इस कार्य स्थल पर कभी भी इतनी संख्या में श्रमिक नहीं देखे गए। वास्तव में, कार्य बेहद सीमित स्तर पर हुआ है, और केवल कुछ गिने-चुने मजदूर ही कार्य करते नजर आते हैं। इससे संदेह गहराता है कि यहां “भूतिया मजदूरों” (जो असल में कार्य पर नहीं थे) के नाम पर फर्जी उपस्थिति दर्ज की गई है और वेतन की राशि प्रधान और रोजगार सेवक द्वारा हड़पी जा रही है। गांव के लोगों ने फोटो न छपने की शर्त रखते हुए बताया “हमारे गांव में काम केवल कागजों में कार्य होता है, जबकि असलियत में कुछ भी नहीं हो रहा। सरकार को इसकी निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।”