उप जिला अधिकारी ने दो अस्थाई शौचालय, 2000 पैकेट बाढ़ राहत सामग्री की प्रशासन से की मांग
अमृतपुर/फर्रुखाबाद: तहसील क्षेत्र में गंगा (Ganga) का जलस्तर (water level) बढ़ने लगा है जिससे ग्रामीणों की धड़कनें बढ़नी शुरू हो गई है। साथ ही अब दाह संस्कार करने के लिए ग्रामीणों को हाईवे के किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। दर्जनों गांव के संपर्क मार्गों के ऊपर पानी बहना शुरू हो गया है जिससे अब हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। लेकिन प्रशासन भी अपनी तैयारी को लेकर अलर्ट दिखाई दे रहा है।
लगातार अधिकारी क्षेत्र में भ्रमण करते नजर आ रहे हैं साथ आसमपुर की मढैया, तितरफा, माखन नगला किराचन सुभानपुर, कुडरी सारंगपुर, करनपुर घाट, मंझा की मडैया, कालिका नगला समेत दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। तीसराम की मड़ैया मैं संपर्क मार्ग कट गया है नगरिया जवाहर में भी समस्या गंभीर दिखाई दे रही है। अभी गंगा का जलस्तर बढ़ने का ही कयास लगाया जा रहा है कि आज शाम गंगा नदी में नरौरा बांध से 221804 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे गंगा का जलस्तर बढ़कर 137.10 पर पहुंच गया वही रामगंगा नदी में 16058 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसके कारण रामगंगा के जलस्तर में उछाल आया है। अगले 24 घंटे में जलस्तर में बड़े स्तर पर वृद्धि के आसार है।
रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे पहले अल्हादपुर भटौली, झंडी की जिला मड़ैया, असलानपुर, हीरानगर, कोला सोता, कुम्हरौर, गुड़ैया,गुलरिया भावन, अमैयापुर, ख़ाखिन, तिलक नगर सहित दर्जनों गांव प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है साथ ही विद्युत विभाग के द्वारा बाढ प्रभावित लगभग 30 गांवो की लाइट काट दी है।
उप जिलाधिकारी संजय सिंह ने बताया है कि जिला प्रशासन से 2000 बाढ़ राहत किट तथा अस्थाई शौचालय की मांग की गई है बाढ़ चौकियां अलर्ट मोड पर हैं लेखपाल क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं जहां पर भी कोई भी समस्या होगी तत्काल प्रभाव से निस्तारण किया जाएगा।