गंगा नदी में छोड़ा गया 115180 क्यूसेक पानी, रामगंगा नदी में 104733 क्यूसेक पानी ऊफान आने की आशंका
अमृतपुर/फर्रुखाबाद: तहसील क्षेत्र में गंगा (Ganga) का जलस्तर (water level) बढ़ने लगा है जिससे ग्रामीणों की धड़कनें बढ़नी शुरू हो गई है। आधा दर्जन से अधिक गांव के संपर्क मार्ग पर अपनी बहना शुरू हो गया है। जिसके साथ ही पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या दिखाई देनी भी शुरू हो गई है। साथ ही प्रशासन सक्रिय हो गया है बताया जा रहा है कि आज दिन बुधवार सुबह गंगा नदी में नरौरा बांध से 115180 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे गंगा का जलस्तर बढ़कर 136.95 पर पहुंच गया अब गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर नीचे वही रामगंगा नदी में 104733 क्यूसेक पानी छोड़ा गय।
जिसके कारण रामगंगा नदी में भी बाढ़ जैसी समस्या बन सकती है। जिसको लेकर ग्रामीण चिंतित हैं जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी इस मामले पर नजर बनाए हैं। जिसके चलते आज उप जिला अधिकारी संजय सिंह ने तहसीलदार अभिषेक सिंह के साथ बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया जिसमें कटरी सुंदरपुर , कछुआ गाढा नगला दुर्गू का ट्रैक्टर पर बैठकर निरीक्षण किया। और ग्रामीणों से बातचीत की ग्रामीणों ने बातचीत के दौरान बताया कि बाढ़ के कारण हरे चारे की समस्या उत्पन्न हो रही है गांव में पशुओं का टीकाकरण नहीं हुआ है जिसके चलते बीमारी भी फैल सकती है।
उप जिला अधिकारी संजय सिंह ने बताया है कि जल्द ही पशु चिकित्सकों को निर्देशित कर गांवों में पशुओंका टीकाकरण कराया जाएगा अभी किसी भी गांव में पानी नहीं गया है गांव के बाहर व खाली रास्ताओं पर पानी आ गया है। अभी नाव लगाने की कहीं भी जरूरत नहीं है।प्रशासन हर तरह मुस्तैद है नाव तैयार हैं बाढ़ शरणालय खोल दिए गए हैं बाढ़ चौकी अलर्ट हैं लेखपालों को अपने क्षेत्र पर नजर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
मौके पर लेखपाल पवन कुमार कानूनगो व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी अविनेंद्र कुमार ने भी तीसराम की मड़ैया में पहुंचकर दवा वितरण कर रही मेडिकल टीम से जानकारी ली और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अधिक से अधिक बीमार बच्चों का बुजुर्गों को कैंप लगाकर दवा वितरण के डॉक्टर को निर्देश दिए साथ ही मौके डिप्टी सीएमओ व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजेपुर प्रभारी डा प्रमित राजपूत मौजूद रहे