30 C
Lucknow
Monday, August 18, 2025

थम नहीं रहा व्यापारी राजनीति का भूचाल, गुटबाजी से बदले समीकरण

Must read

मिश्रा गुट को झटका, कई व्यापारियों ने फेडरेशन की सदस्यता ली

फर्रुखाबाद: जिले की व्यापारी राजनीति (business politics) में इन दिनों जबरदस्त उथल-पुथल देखने को मिल रही है। आए दिन व्यापारियों द्वारा संगठन बदलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। रविवार को एक बार फिर इसी क्रम में बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब मिश्रा गुट (Mishra group) के कई प्रमुख व्यापारी नेताओं ने त्यागपत्र देकर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल की सदस्यता ग्रहण कर ली।

साहबगंज चौराहा स्थित व्यापारी रवि चौहान के प्रतिष्ठान पर आयोजित बैठक में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने राजू भारद्वाज, रवि चौहान, कुल भूषण श्रीवास्तव सहित अन्य व्यापारियों को संगठन की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर फेडरेशन में शामिल हुए इन व्यापारियों ने कहा कि वे व्यापारियों के वास्तविक हितों के लिए काम करना चाहते हैं और फेडरेशन को एक मजबूत मंच मानते हैं।

बैठक में मौजूद अन्य पदाधिकारियों में जिला वरिष्ठ महामंत्री अनूप गुप्ता, जिला महामंत्री बिमलेश मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष सुशील कुमार गिहार, सौरभ मिश्र, जिला प्रवक्ता लाखन सिंह, नगर अध्यक्ष अजय मेहरोत्रा, जिला उपाध्यक्ष रचित अग्रवाल, जिला मंत्री दीपक गवरानी, शरद गुप्ता, मनोज दीक्षित, प्रशांत शाक्य, संजू नेता, मीडिया प्रभारी संजीव वर्मा, संयुक्त महामंत्री मशकूर अंसारी, टाउन हॉल अध्यक्ष गुरुदेव राजपूत, उपाध्यक्ष अशोक यादव, ऋषि गुप्ता, भानु सिंह व अजय सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

लगातार हो रहे हैं संगठन परिवर्तन

व्यापारियों के बीच संगठन बदलने की होड़ सी मची है। मिश्रा व देवेंद्र गुटों से जुड़े व्यापारी अब नए मंचों की तलाश में हैं। हालांकि जानकारों का कहना है कि इन फेरबदल से व्यापारियों के हितों को कोई विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है, बल्कि यह सिर्फ आंतरिक गुटबाजी का परिणाम है। संगठन बदलने और गुटबाजी की इस होड़ में मूल मुद्दे—जैसे बाजार की समस्याएं, सरकारी नीतियों से व्यापारी वर्ग की परेशानियां और व्यापारिक सुरक्षा—पृष्ठभूमि में चले गए हैं।

व्यापारी समाज में इस बात को लेकर चिंता भी जताई जा रही है कि यदि ऐसी राजनीति जारी रही तो असली मुद्दे गायब हो जाएंगे। जिले की व्यापारी राजनीति में जो घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं, वह स्पष्ट संकेत देते हैं कि संगठनात्मक अस्थिरता बनी हुई है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि सभी संगठन मिलकर व्यापारी वर्ग के व्यापक हितों पर ध्यान केंद्रित करें, न कि केवल सत्ता और गुटों के समीकरणों पर।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article