पुरी, ओडिशा: श्री जगन्नाथ जी की औपचारिक रथ यात्रा (Rath Yatra) के पहले आज तीनों रथों को पुलिस और पुजारियों द्वारा ‘रथ खला’ (रथों के निर्माण स्थल) से खींचकर श्री जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) के सिंहद्वार तक लाया गया है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु ओडिशा के पुरी में 12वीं सदी के मंदिर में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के ‘नबाजौबन दर्शन’ के लिए उमड़ पड़े।
श्रद्धालुओं द्वारा खींचा जाने वाला भगवान बलभद्र का तालध्वज रथ इस खास रथ यात्रा के दिन सबसे आगे होता है। इसके पीछे देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को ले जाने वाले दो और रथ होते हैं। भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी गुंडिचा मंदिर में अपनी मौसी से मिलने जाते हैं। वे जगन्नाथ मंदिर लौटने से पहले वहां नौ दिनों तक रुकते हैं, पुरी में इस साल रथ यात्रा 27 जून को होगी।
हालांकि, कल गजपति महाराजा दिव्यसिंह देबा द्वारा ‘पहांडी’ और ‘चेरा पन्हारा’ अनुष्ठान के बाद, तीनों रथों को श्रद्धालु श्री जगन्नाथ मंदिर से श्री गुंडिचा मंदिर, पुरी तक खींचकर ले जाएंगे। आज आम लोगों या श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं थी।