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Tuesday, July 8, 2025

मातृ दिवस पर ‘बृज की रसोई’ का सेवा भाव: 1200 जरूरतमंदों को भोजन वितरित कर मातृत्व का सम्मान

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– इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी ने सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हुए पोषण और सेवा का दिया संदेश

लखनऊ: मातृत्व के सम्मान और सामाजिक सेवा के संकल्प के साथ इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी (Indian Helpline Society) द्वारा संचालित बृज की रसोई ने इस वर्ष के मातृ दिवस (Mother’s Day) को सेवा और करुणा के रूप में मनाते हुए राजधानी लखनऊ (Lucknow) के आशियाना क्षेत्र में एक विशेष सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान करीब 1200 जरूरतमंदों को नि:शुल्क एवं पौष्टिक भोजन वितरित किया गया।

संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस सेवा कार्यक्रम में राजमा, चावल और हलवा का संतुलित भोजन वितरित कर मातृत्व के प्रति कृतज्ञता प्रकट की गई। श्री शर्मा ने कहा कि यह आयोजन माताओं को कर्म के माध्यम से सम्मान देने का प्रयास है, न कि केवल औपचारिकता निभाने का अवसर।

मीडिया प्रभारी दीपक भुटियानी ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य दोहरा था—एक ओर माताओं को सामाजिक सम्मान देना और दूसरी ओर समाज में पोषण के प्रति जागरूकता फैलाना, खासकर गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण देना। इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी सहायता मिल सकती है।

विकास पाण्डेय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास समाज में स्वास्थ्य और पोषण के महत्व को रेखांकित करते हैं। वहीं संजय श्रीवास्तव ने बताया कि आयोजन में बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सेवा कार्य में दीपक भुटियानी, संजय श्रीवास्तव, अमित गुप्ता, आशीष श्रीवास्तव, विनोद मिश्रा, मुकेश कनौजिया, नबल सिंह और अथर्व श्रीवास्तव की उल्लेखनीय सहभागिता रही।

अमित गुप्ता ने बताया कि सभी लोगों ने निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया। आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि समापन के अवसर पर विपिन शर्मा ने सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “मातृ दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों के निर्वहन का सशक्त माध्यम है।”

कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित संस्था की सदस्य श्रुति अवस्थी ने कहा कि सेवा, करुणा और सहयोग जैसे मूल्यों के बल पर ही एक संवेदनशील और समावेशी समाज का निर्माण संभव है। बृज की रसोई ने इस अवसर पर न केवल मातृत्व के सम्मान को रेखांकित किया, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति दायित्वबोध और सेवा भावना का एक आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

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