लिमच्यागाड: गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिमच्यागाड में आपदा से क्षतिग्रस्त पुल (bridge damaged) के स्थान पर वैली ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। बैली पुल बनाने का काम रविवार सुबह को पूरा हुआ है। पुल बनने से अब आसानी से बड़ी मशीनें और ट्रक दूसरी तरफ जा सकेंगे। युद्धस्तर पर कार्य कर तीन दिनों की अल्प अवधि में जवानो (soldiers) ने पुल बना दिया गया है। हालांकि अभी पैदल यात्रियों के लिए इसे खोला गया है।
युद्धस्तर पर कार्य कर तीन दिनों की अल्प अवधि में पुल बना दिए जाने से गंगोत्री मार्ग पर अब सोनगाड तक सड़क मार्ग सुचारू हो गया है और इससे आगे क्षतिग्रस्त सड़क का तेजी से पुनर्निर्माण करने की राह भी प्रशस्त हो गई है। ये इस मार्ग का सबसे महत्वपूर्ण पुल था जो कि आपदा में धराशाई हो गया था । पुल निर्माण के बाद जवानों ने “भारत माता की जय” के नारे लगाए।
युद्ध स्तर पर काम करते हुए इस पुल को आर्मी, बीआरओ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने मिलकर बनाया है। रात-दिन काम कर इस पुल को बनाया किया गया। हालांकि पुल बनाने की बात सुनने में जितनी आसान लग रही है, उतनी आसान नहीं थी। लोहे के पुल बनाने में तीन सबसे बड़ी बाधाएं थे, इन बाधाओं को दूर कर तेजी के साथ इस पुल का निर्माण किया गया।