सपा जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने दिया नोटिस का जवाब
सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में अंतिम निर्णय न होने तक बेदखल न करने की मांग करते हुए….
अधिशासी अधिकारी के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से सक्षम न्यायालय में कार्यवाही करने की दी चेतावनी
पीलीभीत: शहर के नकटा दाना स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय (Samajwadi Party Office) को नगर पालिका (municipality) अध्यक्ष डॉक्टर आस्था अग्रवाल की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रशासन को सपा कार्यालय खाली कराने के निर्देश दिए गए थे जिसमें 10 तारीख को जिला प्रशासन समाजवादी पार्टी कार्यालय परिसर खाली करने के लिए भारी पुलिस दल बल के साथ ड्रोन कैमरों की निगरानी के बीच सपा कार्यालय खाली कराने पहुंचा था।
समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पार्टी के प्रवक्ता अमित पाठक एडवोकेट नफीस अंसारी सहित सैकड़ो सपाईयों ने प्रशासनिक अधिकारियों सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी अधिशासी अधिकारी नगर पालिका से 6 माह का समय मांगा बाद में बैक फुट पर आकर 6 दिन का समय सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया जिसकी अवधि गत दिवस सोमवार को पूरी हो गई।
गत दिवस सोमवार को समाजवादी पार्टी द्वारा नगर पालिका के खिलाफ सिविल जज सीनियर डिवीजन पीलीभीत न्यायालय में एक निषेधाज्ञा बाद दायर किया गया इससे पूर्व नगर पालिका की अधिवक्ता सिविल वार के अध्यक्ष आलोक नगाइच के द्वारा सिविल जज जूनियर डिवीजन तथा सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालयों में कैबिएट डाली गई थी और मुकदमे में इंचार्ज सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी आनंद कुमार न्यायालय में आदेश 11 नियम 7 सीपीसी के तहत नगर पालिका का मुकदमा निरस्त किए जाने संबंधी प्रार्थना पत्र दिया गया था जिस पर सुनवाई के लिए 21 जुलाई लगा दी गई और कोई स्टे समाजवादी पार्टी को नहीं दिया गया।
आज मंगलवार को नगर पालिका की ओर से समाजवादी पार्टी कार्यालय खाली कराए जाने के संबंध में एक नोटिस कार्यालय भवन पर चस्पा किया गया जिसका सपा जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को जवाब भेजा है की सपा कार्यालय सिविल लाइन नकटा दाना चौराहे पर नगर पालिका परिषद की संपत्ति में वर्ष 2005 से विधिवत रूप से स्थापित चला आ रहा है यह कार्यालय नगर पालिका द्वारा दिनांक 11/03/2005 से पूर्ण बहुमत के साथ प्रस्ताव पास करके विधिवत रूप से समाजवादी पार्टी को दिनांक 17/03/2005 को सपा कार्यालय स्थापित करने हेतु तथा बोर्ड की मंशा के अनुसार भवन के निर्माण हेतु पार्टी के पक्ष में अनुमति प्रदान की गई जिसमें कोई भी समय सीमा निर्धारित नहीं थी।
उक्त अनुमति पत्र में समाजवादी पार्टी को प्रथम तल पर कुछ शर्तों के साथ प्रदान की गई और आवंटन इस शर्त के साथ हुआ था कि जब तक प्रथम तल का निर्माण पूरा ना हो जाए तब तक समाजवादी पार्टी को कार्यालय हेतु भूतल अस्थाई रूप से डेढ़ सौ रुपए मासिक किराए की दर पर आवंटित किया गया था परंतु कभी भी नगर पालिका परिषद पीलीभीत द्वारा समाजवादी पार्टी को प्रथम तल पर निर्माण नहीं करने दिया गया बल्कि हमेशा यह तय कर निर्माण रुकवा दिया गया की पार्टी का कार्यालय शांतिपूर्ण ढंग से भूतल पर अस्थाई रूप से चल रहा है।
जिसमें जिसमें नगर पालिका को कोई एतराज नहीं है नोटिस के जवाब में कहा गया है कि राजनीतिक दिवस भावना से ग्रसित होकर नगर पालिका द्वारा 08/06/2025 की रात में एक अवैध तथा खिलाफ कानून नोटिस दिनांक 06/06/2025 को कार्यालय पर चस्पा कर दिया गया जिसमें दिनांक 10/06/2025 को कार्यालय खाली करने हेतु कहा गया था इस संबंध में समाजवादी पार्टी द्वारा अधिशासी अधिकारी को 09/06/25 को एक प्रार्थना पत्र तहसील दिवस में इस आशय का दिया गया वर्तमान में ग्रीष्म कालीन सिविल न्यायालय का चल रहा है।
जब तक अवकाश चल रहा है तब तक के लिए उक्त नोटिस के संबंध में कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की जाए गत दिवस सिविल जज सीनियर न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है जिसका मूल वाद संख्या 191 2025 है नगर पालिका के वकील आलोक नगाइच को मुकदमे की नकले उपलब्ध कराई जा चुकी हैं नगर पालिका की ओर से 14गा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है उक्त बाद में माननीय सिविल न्यायालय द्वारा नगर पालिका के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हेतु 21/07/2025 अग्रिम तारीख निश्चित की गई है नोटिस के जवाब में कहा गया है कि दिनांक 17/06/2025 के नोटिस में धमकी दी गई है सपा अपना कार्यालय स्वयं खाली कर दे।
जगदेव सिंह जग्गा ने जवाब में कहा है आपके नोटिस से ऐसा प्रतीत होता है कि आप अधिशासी अधिकारी माननीय न्यायालयों का सम्मान नहीं कर रहे हैं और सरासर सिविल न्यायालय की अभिमन्ना कर रहे हैं तथा जानबूझकर सिविल न्यायालय के अग्रिम आदेशों का इंतजार नहीं कर रहे हैं और स्वयं जज बनकर फैसला सुनना चाहते हैं जो की असंवैधानिक है श्री जग्गा ने जवाब में कहा है कि किसी भी न्यायालय द्वारा समाजवादी पार्टी को उसके कार्यालय से बेदखल करने के कोई आदेश नहीं किए गए हैं।
भारत के संविधान में ऐसा कोई भी अधिकार किसी भी पक्षकार को नहीं दिया गया है कि वह स्वयं अपने वाद में जज बन जाए और स्वयं निर्णय कर ले जबकि इस प्रकरण में नगर पालिका स्वयं को पीड़ित बताती है तथा स्वयं ही जज बनकर बिना विधिक प्रक्रिया अपनाएं जबरन असंवैधानिक रूप से समाजवादी पार्टी को उसका कार्यालय से बेदखल करने हेतु प्रयासरत है।
यह भी कहा गया है कि नगर पालिका परिषद अपने असंवैधानिक कृत से तथा राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित होकर उक्त अवैध कार्रवाई समाजवादी पार्टी जो की एक राष्ट्रीय पार्टी है उसकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से अमल में ला रही है जिस शहर पीलीभीत का माहौल खराब होने तथा सांप्रदायिक सौहार्द खराब होने की प्रबल आशंका है जिसके प्रति पूर्ण रूप से नगर पालिका जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा यहां यह भी उल्लेखनीय है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 16/06/2025 को एसएलपी में आदेश पारित कर रिट याचिका माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति दे दी गई है इस संबंध में समाजवादी पार्टी उच्च न्यायालय इलाहाबाद में चारा जोही करेगी।