चित्रकूट: यूपी के चित्रकूट (Chitrakoot) के जिला कोषागार (ट्रेज़री) में हुए 120 करोड़ रुपए के घोटाले (treasury scam) के कथित आरोपी संदीप श्रीवास्तव की आज इलाज के दौरान मौत हो गई। शनिवार शाम को पुलिस ने संदीप को कस्टडी में लिया था। पूछताछ के दौरान तबियत बिगड़ने पर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां से प्रयागराज रेफर किया गया था। हार्ट अटैक से मौत होने की खबर है।
जिला कोषागार के अफसरों व कर्मियों ने मिलीभगत कर वर्ष 2018 से 2025 के बीच सात सालों में पेंशनरों के अलग-अलग बैंक खातों में गलत तरीके से मोटी रकम भेजकर फिर वापस ले लिया। उन्हें प्रापर्टी खरीदने की धनराशि बता रकम भेजी और 10 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर उनसे ही रुपये निकलवाकर बंदरबांट किया गया। अब तक जांच में 43.13 करोड़ रुपये की हेराफेरी सामने आई है।
इस घोटाले के मुख्य आरोपित सहायक लेखाकार संदीप श्रीवास्तव को पुलिस ने शनिवार को हिरासत में लिया था। हिरासत में लेकर विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पांच घंटे तक बंद कमरे में पूछताछ की। पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जांच अब विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच सकती है। आरोपित संदीप श्रीवास्तव की पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी। उसका उपचार कराने के बाद उसे परिवार वालों के सिपुर्द कर दिया गया था।
शनिवार शाम कोतवाली में अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में उसे जिला चिकित्सालय कर्वी लाया गया, जहां सीएमओ, सीएमएस और अपर पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में प्राथमिक इलाज किया गया। उसकी गंभीर हालत देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद अब यह सवाल उठ रहा कि पुलिस ने आरोपी को बिना किसी मजिस्ट्रेटी के आदेश या लिखित अनुमति के 24 घंटे से अधिक समय तक कोतवाली में क्यों रखा।


