भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की भव्यता पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ 2025 न सिर्फ आस्था का पर्व है, बल्कि यह विश्व की सबसे बड़ी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रमाण भी है। इस आयोजन की विराटता और दिव्यता के कारण दुनियाभर से लोग यहां आते हैं और भारतीय संस्कृति की गहराई को महसूस करते हैं।
इस वर्ष एक अनोखी घटना ने महाकुंभ में एक अलग ही रंग भर दिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक विदेशी युवक भंडारे का प्रसाद खाते हुए नजर आ रहा था। लोगों ने उसकी शक्ल की तुलना हॉलीवुड फिल्म ‘हैरी पॉटर’ के किरदार (डैनियल रैडक्लिफ) से कर दी और देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया। इस विदेशी को लोग ‘महाकुंभ का हैरी पॉटर’ कहने लगे।
जब इस युवक की पहचान उजागर हुई, तो पता चला कि वह इटली के पत्रकार और कैमरामैन निकोलो ब्रुग्नारा (Nicolo Brugnara) हैं, जो महाकुंभ की कवरेज करने आए थे। भारतीय संस्कृति से प्रभावित निकोलो ने न केवल महाकुंभ की व्यवस्था और भव्यता की प्रशंसा की, बल्कि भारत की महानता के बारे में भी अपने विचार साझा किए। महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सहिष्णुता, समावेशिता और अनुशासन का भी प्रतीक है। यहां करोड़ों लोग एक साथ स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना करते हैं, फिर भी व्यवस्था और समन्वय का ऐसा उदाहरण मिलता है, जिसे देखना किसी चमत्कार से कम नहीं लगता।
निकोलो ब्रुग्नारा ने महाकुंभ को कवर करने के दौरान इसकी विराटता, अनुशासन और आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस किया और कहा कि, “भारत की महानता इस बात में है कि यह हर किसी को अपनाने की शक्ति रखता है। महाकुंभ में करोड़ों लोग एक साथ पूजा-पाठ और स्नान करते हैं, लेकिन फिर भी कोई अव्यवस्था नहीं होती। यूरोप में इतने बड़े स्तर का आयोजन संभव नहीं है, लेकिन भारत ने यह बार-बार कर दिखाया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों में इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना और एकजुटता बनाए रखना लगभग असंभव है, लेकिन भारत में यह सहज रूप से संभव हो जाता है।
निकोलो ब्रुग्नारा इटली के एक गंभीर पत्रकार और कैमरामैन हैं, जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जाकर सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं पर रिपोर्टिंग करते हैं। उन्होंने सोचा था कि महाकुंभ की उनकी खींची गई अनूठी तस्वीरें और वीडियो उन्हें पहचान दिलाएंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
एक साधारण वीडियो, जिसमें वह भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर रहे थे, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भारतीय लोगों ने उनकी शक्ल को हैरी पॉटर (डैनियल रैडक्लिफ) से मिलाया और देखते ही देखते वह महाकुंभ का सबसे चर्चित चेहरा बन गए।
निकोलो खुद भी इस अप्रत्याशित प्रसिद्धि से हैरान थे। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, *”मैंने कभी खुद को डैनियल रैडक्लिफ से तुलना नहीं की। बल्कि सच कहूं तो मैं खुद को उससे ज्यादा सुंदर मानता हूं! लेकिन सोशल मीडिया की ताकत देखिए, एक वीडियो ने मुझे पूरे महाकुंभ का आकर्षण बना दिया।”
महाकुंभ के आयोजन में इस बार डबल इंजन की सरकार (केंद्र और राज्य सरकार) की भूमिका बेहद अहम रही है। निकोलो ब्रुग्नारा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की विशेष रूप से सराहना की।
उन्होंने कहा कि, “जो काम योगी जी कर रहे हैं, वह किसी के बस की बात नहीं है। उनकी कार्यशैली बेहद अनुशासित और दृढ़ निश्चयी है। जिस तरह उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्था की है, वह अद्भुत है।”
निकोलो खुद भी योग साधना से जुड़े हुए हैं और उनका मानना है कि योग तन-मन को नियंत्रित करने और जीवन को अनुशासित बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि भारत में योग और अध्यात्म की जो परंपरा है, वह पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक है।
निकोलो ब्रुग्नारा ने स्वीकार किया कि भारत आने से पहले उन्होंने केवल कहानियों और किताबों में ही भारत के चमत्कारों के बारे में सुना था। लेकिन महाकुंभ में आकर उन्होंने स्वयं भारतीय संस्कृति का अनुभव किया और इसकी भव्यता को करीब से समझा।
उन्होंने कहा कि,”भारत सचमुच चमत्कारों का देश है। यहां की संस्कृति, लोगों का प्रेम, आध्यात्मिकता और समर्पण विश्व में अनूठा है। महाकुंभ में जो अपनापन और अनुशासन देखा, वह कहीं और संभव नहीं है।”
निकोलो मानते हैं कि भारत की शक्ति केवल उसकी आधुनिक उपलब्धियों में नहीं, बल्कि उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं में भी निहित है।
निकोलो ब्रुग्नारा का अनुभव इस बात का प्रमाण है कि भारत न केवल अपनी आधुनिक प्रगति के कारण बल्कि अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के कारण भी विश्वभर के लोगों को आकर्षित करता है।
महाकुंभ 2025 इस बात का जीवंत उदाहरण है कि भारत की शक्ति उसकी विविधता, सहिष्णुता और समावेशिता में छिपी है। जब करोड़ों लोग एक साथ किसी पवित्र उद्देश्य से जुड़ते हैं, तो वह न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए एक शक्तिशाली संदेश बन जाता है।
निकोलो जैसे लोग जब भारत आते हैं और इसकी महानता को पहचानते हैं, तो यह प्रमाणित हो जाता है कि भारत की आध्यात्मिक विरासत पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक बन सकती है।
निकोलो ब्रुग्नारा भले ही महाकुंभ को कवर करने के लिए एक पत्रकार के रूप में आए थे, लेकिन उन्होंने यहां जो अनुभव किया, वह केवल पत्रकारिता तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने भारत की महानता, संस्कृति और आध्यात्मिकता को अपने हृदय से महसूस किया और उसकी प्रशंसा की।
उनकी अप्रत्याशित प्रसिद्धि और ‘हैरी पॉटर’ की संज्ञा उन्हें सोशल मीडिया से मिली हो, लेकिन उन्होंने यह समझ लिया कि भारत एक ऐसा देश है, जो हर आगंतुक को अपनाने की क्षमता रखता है और अपने रंग में रंग देता है।
महाकुंभ न केवल भारत का गौरव है, बल्कि यह पूरे विश्व को यह संदेश देता है कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समन्वय से ही मानवता का कल्याण संभव है।