कोरापुट: ओडिशा (Odisha) के आदिवासी बहुल कोरापुट (Koraput) ज़िले से बीते रविवार को एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक आदिवासी प्रेमी जोड़े (lovers) को सार्वजनिक रूप से अमानवीय सजा दी गई और एक अनौपचारिक कंगारू अदालत के आदेश पर तथाकथित “शुद्धिकरण अनुष्ठान” के तहत गाँव के चौराहे पर बैलों की तरह हल चलाने के लिए मजबूर किया गया। कैमरे में कैद हुई यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। कोरापुट के पेडा इटिकी गांवसज़ा में ग्रामीणों ने प्रेमी जोड़े को बांधकर दी अमानवीय सजा
जानकारी के मुताबिक, कोरापुट के पेडा इटिकी गांवसज़ा में ग्रामीणों ने प्रेमी जोड़े को बांधकर दी अमानवीय सजा दी गई। इन प्रेमी जोड़ो पर स्थानीय नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निशाना बनाया गया। गाँव के बुजुर्गों के अनुसार, उन्होंने अपने ही कुल या गोत्र में विवाह किया था, जो ओडिशा के कुछ आदिवासी समुदायों में वर्जित है। कथित तौर पर, ग्रामीणों के एक समूह ने इस जोड़े को उनके कथित “अपराध” की “शुद्धि” के उद्देश्य से एक सार्वजनिक अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया।
इसके आगे बताया कि, उन दोनों को जूतों की माला पहनाई गई और गाँव के चौराहे पर घुमाया गया। इस अनुष्ठान के अंत में, जोड़े को एक जुए से बाँध दिया गया, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर बैलों को जोतने के लिए किया जाता है, और उन्हें हल खींचने के लिए मजबूर किया गया, जबकि उन पर लगातार नज़र रखी जा रही थी और कभी-कभी उनके साथ मारपीट भी की गई।
कोरापुट की यह घटना पड़ोसी रायगढ़ जिले में हुए एक ऐसे ही मामले के तुरंत बाद हुई है। उस मामले में, कंजमाझिरा गाँव के एक युवा जोड़े को अपने ही गोत्र में विवाह करने के कारण ऐसी ही सज़ा का सामना करना पड़ा था – खास बात यह थी कि वह व्यक्ति महिला की बुआ का बेटा था। रायगढ़ की घटना के एक वीडियो में दोनों व्यक्तियों को एक हल से बाँधकर खेत में घसीटते हुए दिखाया गया है, जबकि कम से कम दो लोग उन्हें लाठियों से पीट रहे हैं। इसके बाद उन्हें गाँव के एक मंदिर में ले जाया गया और स्थानीय स्तर पर “शुद्धिकरण” नामक अनुष्ठान करवाए गए।