– रहस्यमयी गायबियों, धमकियों और संपत्ति विवादों से घिरा अवधेश मिश्रा का विवादित जीवन
फर्रुखाबाद: कभी हरी मिर्च और धनिया मांगकर गुज़ारा करने वाला व्यक्ति आज करोड़ों की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया — यह सवाल इन दिनों फर्रुखाबाद (Farrukhabad) और फतेहगढ़ (Fatehgarh) के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। बात हो रही है वकील अवधेश मिश्रा की, जो साल 1998 में फर्रुखाबाद आया था। उस समय उनके पास बर्तन तक नहीं थे और वो बिशम्बर दयाल श्रीवास्तव के मकान में किराए पर रहता था।
धमकियों से शुरू हुआ विवादों का सिलसिला
स्थानीय लोगों के अनुसार, अवधेश मिश्रा का रवैया शुरू से ही विवादित रहा। मकान मालिक बिशम्बर दयाल श्रीवास्तव की बेटी सीमा (पत्नी पवन) ने बताया कि “अवधेश और उसकी पत्नी रीता अनुपम हमें लगातार धमकाते थे। रीता कई बार कॉल कर धमकी देती थी कि यदि हमने कुछ कहा तो हमें झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाएगा।”
महिला मित्र के सहारे रची संपत्ति की साजिश
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अवधेश मिश्रा की एक महिला मित्र से निकटता ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। कहा जाता है कि उसने इस महिला के माध्यम से दिल्ली में उसके पति की संपत्ति हड़पने की योजना बनाई थी। बताया जाता है कि महिला के ससुर और देवर के खिलाफ मुकदमे करवा देवर फतेहगढ़ जेल भिजवा दिया गया था, जिससे रास्ता साफ हो सके।
चौंकाने वाली बात यह है कि अवधेश की अघोषित संपत्तियों की मालकिन यही महिला मित्र बताई जाती है। लेकिन जब महिला ने रिश्ते से किनारा किया, तो अवधेश ने उन्हीं के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करवाने का प्रयास किया था।
रहस्यमयी गायबियाँ और शक के साए
अवधेश मिश्रा के विवाद यहीं खत्म नहीं होते। जानकारी के अनुसार, वे बाद में बिटोलो देवी कटियार के मकान में किरायेदार बनकर रहने लगे थे। बताया जाता है कि बिटोलो देवी का कोई परिवार नहीं था, और कुछ ही महीनों बाद वे रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गईं। मोहल्ले के लोग आज तक मानते हैं कि बिटोलो देवी की मौत हो चुकी है, और इस घटना के पीछे अवधेश मिश्रा का हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
करोड़ों की संपत्तियाँ और अघोषित ठिकाने
स्थानीय लोगों का कहना है कि अवधेश मिश्रा के पास अब कई संपत्तियाँ हैं— कुछ उनके नाम पर, कुछ उनकी महिला सहयोगियों और रिश्तेदारों के नाम से। उनकी रहस्यमयी संपत्ति वृद्धि ने प्रशासन और कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
समाज और कानून के लिए सवाल
करीब दो दशकों में ‘हरी मिर्च और धनिया मांगने वाले’ से लेकर ‘कथित कानूनी माफिया’ तक का यह सफर केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि यह उस तंत्र की नाकामी का प्रतीक है जो वर्षों से ऐसे लोगों को कानून की आड़ में फलने-फूलने देता रहा है।जानकार नागरिक मांग कर रहे हैं कि बिटोलो देवी के गायब होने और अवधेश मिश्रा की अघोषित संपत्तियों की जांच सीबीसीआईडी या ईडी जैसी एजेंसियों से कराई जाए, ताकि सच सामने आ सके।


