अमृतपुर/फर्रुखाबाद: गंगा (ganga) पार क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ आने को लेकर ग्रामीण अंचल में कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। जिसमें सबसे गंभीर समस्या स्वास्थ्य (health) को लेकर होती है। जब गंगा एवं रंगमंगा का जलस्तर बढ़ता है और घटता है उसके बाद कई तरीके की बीमारियां फैलनी शुरू हो जाती हैं। जिससे इस ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग धन के अभाव में इलाज नहीं करा पाते।
ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए बीते दिवस जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया था कि वह तराई क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचकर स्वास्थ्य कैंप लगाए और प्रत्येक बीमार परेशान व्यक्ति तक जांच के उपरांत दवाई पहुंचाएं। जिसका सही ढंग से पालन करते हुए अमृतपुर स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर गौरव वर्मा ने अपनी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र अलादपुर भटौली में पहुंचकर कैंप लगाया और मरीजों की जांच की। इसके बाद 280 मरीजों को निशुल्क दवाइयां वितरित की गई।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अधिकतर मरीज बुखार खांसी सर्दी इनफेक्शन दाद खाज खुजली लूज मोशन आदि से प्रभावित पाए गए। डॉक्टर द्वारा इन मरीजों को दवाइयां देने के साथ सुझाव भी दिए गए। उन्होंने कहा कि सभी लोग स्वस्थ जल का सेवन करें और घरों के आसपास गंदगी ना ठहरने दें। गंदे पानी से होकर न गुजरे और बच्चों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि छोटे बच्चों में इम्युनिटी पावर कम होती है। जिसकी वजह से यह बच्चे जल्दी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हो जाते हैं।
ऐसी स्थिति में घर में रहने वाली महिलाओं को विशेष ध्यान रखना पड़ता है। यहां के रहने वाले पप्पू राजू सुखपाल राजीव राजेश दिनेश महिलाओं में राम सुखी सुरती राजरानी विमला आदि लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य कैंप से काफी सहायता मिली है। जो लोग बीमार परेशान थे और धन के अभाव में दवाई नहीं ले पा रहे थे उन्हें निशुल्क दवाइयां दी गई। बाढ़ के दौरान लगातार ऐसे कैंपों का आयोजन होते रहना लोगों के लिए लाभकारी होगा। डॉक्टर वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देश पर प्रत्येक ग्राम पंचायत में समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर मरीजो को दवाइयां दी जाएगी। अगर कोई मरीज गंभीर स्थिति में पाया जाता है तो उसे सरकारी एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा जाएगा।