अनुराग तिवारी
लखनऊ राजधानी (यूथ इण्डिया):आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जिसे कभी विज्ञान कथा की दुनिया का सपना माना जाता था। अब हकीकत बन चुकी है। लेकिन जैसे-जैसे यह तकनीक तेजी से हमारे जीवन में प्रवेश कर रही है, विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि AI का दुरुपयोग मानवता के लिए भारी खतरा बन सकता है।
आखिर क्यों जरूरी है AI आधुनिक युग में? आज का युग तेज़ी से बदलता हुआ डिजिटल युग है। AI के कारण चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, रक्षा और उद्योग क्षेत्रों में अद्भुत प्रगति हो रही है। अस्पतालों में AI आधारित रोबोट सर्जरी कर रहे हैं, किसान मौसम के पूर्वानुमान और फसल विश्लेषण के लिए AI का उपयोग कर रहे हैं। कॉल सेंटर, बैंकिंग, और ई-कॉमर्स जैसी सेवाएं लगभग पूरी तरह AI चैटबॉट्स से संचालित हो रही हैं। यह सब दिखाता है कि AI न केवल समय बचाता है, बल्कि खर्च को भी कम करता है और उत्पादकता को कई गुना बढ़ाता है।
अर्थव्यवस्था के लिए यह एक वरदान साबित हो रहा है। लेकिन भविष्य में खतरे भी हैं गंभीर है। जहाँ एक ओर AI हमारे जीवन को आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके खतरनाक पहलू भी सामने आने लगे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तकनीक पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह मानवता के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगा सकती है।
AI से सबसे बड़ा खतरा है — रोज़गार का संकट
मशीनें इंसानों की जगह लेने लगी हैं। अनुमान है कि आने वाले 10 वर्षों में करोड़ों नौकरियाँ खत्म हो जाएंगी, खासकर मैनुअल और क्लर्क स्तर की।
AI अब स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम होती जा रही है। अगर ऐसी मशीनें सैन्य या सुरक्षा तंत्र में शामिल होती हैं और कोई तकनीकी चूक होती है, तो यह विनाश का कारण बन सकती हैं।
“किलर रोबोट” या ऑटोनोमस ड्रोन की अवधारणा अब कल्पना नहीं, बल्कि प्रयोगशाला की हकीकत बन चुकी है।
डेटा और निजता का संकट
AI सिस्टम यूजर्स का डेटा इकट्ठा कर उन्हें ट्रैक करते हैं। इससे निजता का हनन, गलत सूचनाएं फैलाना और डिजिटल गुलामी जैसे मुद्दे तेजी से बढ़ रहे हैं।
भावनाओं की अनुपस्थिति
AI में संवेदनशीलता और नैतिकता का अभाव होता है। यदि किसी न्यायिक प्रणाली या हेल्थकेयर में AI गलती से कोई अमानवीय निर्णय ले ले, तो उसके परिणाम भयावह हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी 2023 में एलन मस्क, स्टीफन हॉकिंग जैसे विचारकों ने भी चेताया था कि AI मानव जाति के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकता है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने भी एक रिपोर्ट में कहा कि AI पर वैश्विक नियंत्रण और नीतियों की सख्त आवश्यकता है, नहीं तो यह परमाणु हथियारों की तरह खतरनाक हो सकता है।
वही वास्तव में AI उपयोग का संतुलन जरूरी है। AI को नकारा नहीं जा सकता , यह आधुनिक युग की जरूरत है। लेकिन इसका अंधाधुंध प्रयोग और बिना नियंत्रण के विकास भविष्य में भारी तबाही ला सकता है। जरूरत है कि दुनिया के देश मिलकर इस पर नियम बनाएं, ताकि तकनीक इंसान के लिए बनी रहे — इंसान तकनीक के लिए नहीं।