घायल तड़पता रहा फर्श पर, नहीं मिला बैंडेज, बिना टांका लगाए किया जिला अस्पताल रेफर
अमृतपुर (फर्रूखाबाद)। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक स्वयं अस्पतालों का निरीक्षण कर सुधार की कोशिशों में जुटे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है। स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली और लापरवाह रवैये से मरीज बेहाल हैं।
थाना अमृतपुर क्षेत्र के नगला हूसा मोड़ के पास दो बाइक सवार भाइयों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई, जिसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय ग्रामीणों ने सभी घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजेपुर पहुंचाया। वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अमित वर्मा ने घायलों को देखा, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते एक घायल को इलाज की जगह फर्श पर लिटा दिया गया। यह दृश्य कैमरे में कैद होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार घायलों को बिना प्राथमिक उपचार, टांका या बैंडेज के ही जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। यह चिकित्सा नियमों के विरुद्ध है और इस प्रकार की लापरवाही कई बार मरीज की जान तक ले सकती है। बावजूद इसके, स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा मलहम-पट्टी की खानापूर्ति कर घायलों को जिला अस्पताल भेज दिया गया। यह स्थिति तब है जब हाल ही में जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने अस्पतालों का निरीक्षण कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसी तरह आंख मूंदकर बैठा रहेगा? क्या गरीबों और आम जनता की जान से यूं ही खिलवाड़ होता रहेगा? ज़रूरत है कि जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर लापरवाही पर सख्त कदम उठाएं ताकि भविष्य में किसी की जान लापरवाही की भेंट न चढ़े।