शमशाबाद, फर्रुखाबाद: पवित्र गंगा तट ढाईघाट शमशाबाद (Dhaighat Shamshabad) पर लगने वाला ऐतिहासिक कार्तिक मेला (Kartik Fair) श्रद्धालुओं और साधु-संतों की आमद से गुलजार हो गया है। आस्था और परंपरा के इस संगम में न केवल दूर-दराज़ के श्रद्धालु पहुंचे हैं, बल्कि देश के कई हिस्सों से आए पशु व्यापारी और किसान भी बड़ी संख्या में मेले में भाग ले रहे हैं।
मेले में इस बार हरियाणा, मेरठ, मुजफ्फरनगर आदि जिलों से लाई गई कीमती भैंसें लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इनकी कीमत 80,000 से लेकर 4 लाख तक बताई जा रही है। महंगी भैंसों को देखकर ग्रामीण और किसान आश्चर्यचकित हैं — कई तो कीमत सुनकर दांतों तले उंगलियां दबा रहे हैं।
ढाईघाट शमशाबाद का यह कार्तिक मेला सदियों पुराना है, जहां हर वर्ष गंगा स्नान पर्व के अवसर पर लाखों श्रद्धालु आकर पुण्य स्नान करते हैं। इस बार भी मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है, जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति और उल्लास से भर गया है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने इस बार विशेष इंतजाम किए हैं। थानाध्यक्ष रमेश सिंह ने बताया कि स्नान पर्व पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। मेले में डेढ़ सेक्शन पीएसी बल, प्रशिक्षित गोताखोरों की टीम, और विशेष ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा मेले के मुख्य मार्गों और गंगा तट पर सीसीटीवी कैमरे (‘तीसरी आंख’) लगाए गए हैं जो 24 घंटे सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बिजली, पानी, सफाई और यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया गया है। वाहन पार्किंग और पैदल मार्गों को अलग-अलग रखा गया है ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। जैसे-जैसे स्नान पर्व नज़दीक आ रहा है, ढाईघाट का कार्तिक मेला आस्था, व्यापार और संस्कृति का संगम बनता जा रहा है। श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं, वहीं साधु-संत भक्ति और ज्ञान के प्रवचन से वातावरण को आध्यात्मिक बना रहे हैं।


