कमालगंज। ग्राम पंचायत ईसापुर में संचालित पंचायत भवन इन दिनों बदहाली और लापरवाही का जीता जागता उदाहरण बन चुका है। शासन द्वारा गांवों के समग्र विकास, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और पारदर्शी पंचायत संचालन के उद्देश्य से बनाए गए पंचायत घर का वास्तविक हाल जानकर कोई भी हैरान रह जाएगा। सोमवार को देखा गया तो वहां अव्यवस्था, सन्नाटा और ताले ही दिखाई दिए।सबसे हैरान करने वाला दृश्य तब सामने आया जब पंचायत सहायक अरफात पंचायत भवन के एक कमरे में गेट अंदर से बंद कर सोते हुए पाए गए। पूछताछ पर उन्होंने सफाई दी कि “कोई काम करने नहीं आता, इसलिए दरवाजा बंद कर लिया था।” यह बयान पंचायत व्यवस्था की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है।
वहीं, प्रधान सचिव कक्ष और कंप्यूटर कक्ष में ताले लटके मिले। परिसर में चारों ओर गंदगी का अंबार था और कहीं भी कामकाज या योजनाओं के संचालन के कोई संकेत नहीं मिले। ग्रामीणों के अनुसार, कई दिनों से पंचायत भवन में कोई गतिविधि नहीं हो रही, जिससे आवश्यक कार्य लंबित पड़े हैं।इस स्थिति की जानकारी मिलते ही सहायक विकास अधिकारी पंचायत विनय चौहान ने तत्काल संज्ञान लिया और कहा कि वे स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण करेंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी कर्मचारी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।ग्रामवासियों में इस अव्यवस्था और लापरवाही को लेकर गहरा रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि जब पंचायत घर में ही काम नहीं हो रहा तो विकास योजनाओं का संचालन और लाभ आम जनमानस तक कैसे पहुंचेगा?यह मामला स्थानीय प्रशासन और पंचायत संचालन तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
पंचायतों को सशक्त बनाने की योजनाओं के बीच इस तरह की लापरवाही न केवल योजनाओं की सफलता में बाधक है, बल्कि सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग और जवाबदेही की कमी को भी उजागर करती है।ग्रामीणों ने मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि पंचायत घर में सुचारु रूप से कार्य शुरू हो सके और ग्रामीण विकास की दिशा में ठोस पहल हो सके।