– प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की समीक्षा बैठक में
– आवास पूर्णता में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर
लखनऊ: मुख्य सचिव (Chief Secretary) एस.पी.गोयल की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojana-Rural) की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि योजना के तहत बचे हुए आवासों का निर्माण कार्य निर्धारित मानकों और गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूरा कराया जाए। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को केवल आवास उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि उन्हें अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। इसमें दिव्यांगजन के लिए मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन जैसी सुविधाएं शामिल की जानी चाहिए।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत उत्तर प्रदेश में 36.57 लाख आवासों के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 99.37 प्रतिशत यानी अधिकांश आवास पूरे हो चुके हैं, जबकि लगभग 23 हजार आवास निर्माणाधीन हैं। आवास पूर्णता में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। वहीं, भारत सरकार के परफॉर्मेंस इंडेक्स में राजमिस्त्री प्रशिक्षण, सोशल ऑडिट, एरिया ऑफिसर एप पर निरीक्षण, आवास पूर्णता और तेजी से घर बनाए जाने जैसे मानकों में प्रदेश का स्थान देश में पहला है।
निर्मित आवासों में कन्वर्जेंस के माध्यम से 99.39 प्रतिशत शौचालय, 93.31 प्रतिशत विद्युत कनेक्शन, 94.42 प्रतिशत एलपीजी कनेक्शन और 80.02 प्रतिशत पेयजल कनेक्शन की सुविधा दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत बिजनौर जनपद की बोक्सा जनजाति के लिए स्वीकृत 145 आवासों में से 123 का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि शेष 22 आवासों पर कार्य तेजी से जारी है।
प्रधानमंत्री मॉडल आवास (ग्रामीण) योजना के तहत 587 मॉडल हाउस का निर्माण पूरा हो चुका है और 190 मॉडल हाउस निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, आवास प्लस सर्वेक्षण-2024 में सर्वेक्षित डाटा का वेरिफिकेशन तेजी से किया जा रहा है। वर्ष 2025-26 में 25 हजार महिला राजमिस्त्रियों को आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 3.73 लाख आवासों में से 3.51 लाख का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि लगभग 22 हजार आवासों पर काम जारी है।
बैठक में ग्राम्य विकास विभाग और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद रणवीर प्रसाद, ग्राम्य विकास आयुक्त गौरी शंकर प्रियदर्शी, सचिव नियोजन सेल्वा कुमारी जे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि समयसीमा में कार्य पूर्ण करने के साथ गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न किया जाए, ताकि योजना का लाभ पात्र परिवारों को समय पर मिल सके।