लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में बक्कास रेलवे ट्रैक पर एक दारोगा की सिर कटी लाश मिलने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मृतक की पहचान 36 वर्षीय ध्यान सिंह यादव के रूप में हुई है, जो पुलिस मुख्यालय में तैनात थे। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है।
गुरुवार सुबह स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक पर एक सिर कटी लाश देखकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की पहचान ध्यान सिंह यादव के रूप में की। वह अपनी पत्नी के साथ लखनऊ में किराए के मकान में रहते थे। उनकी पत्नी भी सिपाही हैं और पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं।
जांच में पता चला है कि ध्यान सिंह यादव घर से शेविंग कराने की बात कहकर निकले थे। इसके बाद वह घर नहीं लौटे। उनका जालौन जिले में तबादला हो गया था और गुरुवार को उन्हें कार्यभार संभालने के लिए रवाना होना था।
पुलिस इस मामले में हत्या, सुसाइड और हादसे के हर एंगल से जांच कर रही है। मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि ध्यान सिंह यादव रेलवे ट्रैक पर कैसे पहुंचे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर मामले की गुत्थी सुलझाई जाएगी।
दारोगा की मौत की खबर सुनते ही पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी ने अभी तक किसी प्रकार की लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पुलिस का कहना है कि परिजनों से बातचीत के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह मामला ट्रेन की चपेट में आने का हो सकता है। हालांकि, हत्या की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
इस घटना से पुलिस विभाग में शोक की लहर है। दारोगा की असमय मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। साथी अधिकारियों ने ध्यान सिंह यादव को एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी बताया।
दारोगा ध्यान सिंह यादव की मौत ने पुलिस महकमे और उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह घटना हत्या, सुसाइड, या दुर्घटना—जो भी हो, पुलिस के लिए एक चुनौतीपूर्ण मामला है। अब सबकी निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के नतीजों पर टिकी हैं, जो इस रहस्यमयी मौत की गुत्थी सुलझा सकते हैं।