पीड़ित का आरोप ले लिया 3000 कई दिनों से प्राइवेट अस्पताल में भर्ती फिर भी रुपए लेकर दीवान ने आरोपी को छोड़ा
अमृतपुर फर्रुखाबाद। प्रदेश में मुख्यमंत्री जिलों टालरेंस की बात करते हैं लेकिन धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। जिसके चलते जनता घुन की तरह पिसती नजर आ रही है। जिले में पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार प्रियदर्शी की बेहतर छवि व बेहतर पुलिसिंग से अपराधियों में खौफ का माहौल है। लेकिन थानों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है पीड़ित परेशान नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि थाना अमृतपुर क्षेत्र के गांव गलारपुर निवासी पीड़ित नीरज देवी पत्नी लल्ला सिंह ने बताया कि गांव के ही निवासी दबंग से पैसे का लेने देन था। जब पीड़िता का पति पैसै मांगने पहुंचा तो दबंग ने पति के साथ मारपीट की बचाने गई पत्नी का भी सर फोड़ दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। थाने पहुंची तो पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कर लिया लेकिन पीड़िता की हालत बिगड़ने पर पारिवारिक जनों ने प्राइवेट हॉस्पिटल फर्रुखाबाद में महिला को भर्ती कराया।
इसी दौरान पीड़िता के जेठ हरिओम से उसी दौरान थाने के पीछे जाकर हेड मोहर्रिर महाराज सिंह ने पीड़ित से जाकर 3000 ले लिए। और पीड़ित से कहा कि आरोपी को जेल भेज देंगे। और घर भेज दिया तथा पीड़ित ने आरोप लगाया कि उस समय आरोपी रामकरन पुत्र फकीरे लाल थाने पर मौजूद था हालांकि उसे छोड़ दिया गया पीड़ित का चार दिन से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया पीड़ित थाने का चक्कर लगा रहा है सूत्रों के अनुसार जानकारी प्राप्त हुई है कि इस समय थाने थाना अध्यक्ष के सजातीय सिपाही तांडव मचाए हुए हैं थाना अध्यक्ष की पीठ पीछे फरियादियों को लूटा जा रहा है। थाना अध्यक्ष इस बात से अनजान बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि हेड मोहर्रिर ही थाना अध्यक्ष का कारखास बन बैठा तथा कई दिनों से लगातार थाना अध्यक्ष की हमराही कर रहा है लेकिन यह कानून के विरुद्ध है।लेकिन इस बात से थाना अध्यक्ष अनजान बनी हुई है। वही जानकारी सूत्रों के अनुसार मिली है कि थाने में इस समय दो ही मुंशी थाना चलाने में जुटे हैं इसके कारण पूरा स्टाफ परेशान है थाना अध्यक्ष का सजातीय होने के कारण इस समय कोई भी कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। मनमाने तरीके से कार्य हो रहा है।
देखने वाली बात होगी कि क्या इसी तरीके से थाने की स्थिति रहेगी क्या इसी तरह एसपी आलोक कुमार पारदर्शी की छवि को पलीता लगता रहेगा यह देखने वाली बात होगी कब तक इस थाने की स्थिति बेहतर हो सकेगी।