अयोध्या। शनिवार से रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव आरंभ हो गया है, जिसे प्रतिष्ठा द्वादशी नाम दिया गया है। इस विशेष अवसर पर पुजारियों ने रामलला का पंचामृत से महा अभिषेक किया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का उपयोग किया गया। इसके बाद रामलला को गंगाजल से नहलाया गया और उन्हें सोने और चांदी के तारों से बुने गए विशेष वस्त्र पहनाए गए हैं। उनकी पगड़ी में भी हीरा जड़ा हुआ है, जो इस दीव्यता को और भी बढ़ा देता है।
इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रामलला के दरबार में पहुंचे। उन्होंने रामलला के चरणों में मत्था टेका और जय श्रीराम के नारे लगाते हुए रामलला की महाआरती की। इसके अलावा, सीएम ने साधु संतों से मिलकर उनका आशीर्वाद भी लिया। इस वार्षिकोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि “राम मंदिर विकसित भारत की संकल्प सिद्धि में मदद करेगा,” जो इस मंदिर की महत्ता को और अधिक उजागर करता है।भक्तों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। इस बीच, एक बालक भी राम मंदिर पहुंचा है, जिसने प्रभु श्रीराम की छवि का रूप धारण किया हुआ है। बालक रूप में प्रभु श्रीराम को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई है। इस पहली वर्षगांठ पर राम मंदिर को विदेशी फूलों से सजाया गया है, जिससे मंदिर का वातावरण और भी भव्य हो गया है। अयोध्या में इस समय तापमान 4 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन ठंड के बावजूद राम भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है।
देशभर से भक्त दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं, और यह संख्या बढ़ती जा रही है।इस वार्षिकोत्सव का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की महानता को भी दर्शाता है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का यह वार्षिकोत्सव भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव और आस्था का प्रतीक बन गया है।