लखनऊ। नगर निगम लखनऊ में महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त गौरव कुमार के बीच अधिकारों को लेकर चल रहा टकराव एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। इसी विवाद के चलते 14 नवंबर को प्रस्तावित विशेष सदन की बैठक अब नहीं होगी। नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा है कि पिछली कार्यवाही रिपोर्ट जारी न होने के कारण नियमों के तहत नया सदन नहीं बुलाया जा सकता।
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि नगर निगम अधिनियम के अनुसार जब तक पिछली बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट जारी नहीं होती, अगला सदन आयोजित नहीं किया जा सकता। पिछला सदन 4 और 9 अक्तूबर को हुआ था, जिसकी कार्यवाही रिपोर्ट अब तक महापौर द्वारा जारी नहीं की गई है। इसी आधार पर नगर आयुक्त ने 14 नवंबर को प्रस्तावित विशेष सदन को रद्द कर दिया।
दरअसल, सोमवार को महापौर ने सामान्य सदन बुलाने के लिए पत्र जारी किया था, जिसमें पुराने प्रस्तावों पर चर्चा की बात कही गई थी। बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि सामान्य की जगह विशेष सदन लिखा जाना चाहिए था। लेकिन नगर आयुक्त ने कहा कि सदन बुलाने से पहले 96 घंटे पहले एजेंडा जारी करना जरूरी है और कार्यवाही रिपोर्ट लंबित होने की स्थिति में यह संभव नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि सदन की आड़ में अफसरों से जवाब-तलब की तैयारी थी, जिससे मामला और गर्मा गया। नगर आयुक्त ने कहा कि अब गुरुवार को कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें केवल पुराने प्रस्तावों पर चर्चा होगी और कोई नया प्रस्ताव नहीं जोड़ा जाएगा।
वहीं, महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि अब किसी प्रकार का टकराव नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त से कार्यकारिणी बैठक और शहर के विकास कार्यों को लेकर चर्चा हुई है। जो भी गलतफहमियां थीं, वे दूर कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि शहर के विकास कार्यों और पुनरीक्षित बजट को लेकर मिलजुलकर निर्णय लिए जाएंगे।






