फर्रुखाबाद। अप्रैल में ही मई-जून जैसी झुलसाने वाली गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। मौसम विभाग ने आने वाले 3-4 दिनों में पारे के और चढ़ने की चेतावनी दी है। चिकित्सकों का कहना है कि यह भीषण गर्मी न सिर्फ शरीर को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकती है। हीट स्ट्रोक के साथ-साथ डिप्रेशन और तनाव जैसी समस्याएं बढ़ने की आशंका है।
चिकित्सकों के अनुसार, गर्मियों में तेज धूप, अधिक तापमान और नींद में गड़बड़ी मस्तिष्क की रासायनिक क्रियाओं को प्रभावित करती है, जिससे मूड बदलने, चिड़चिड़ापन, चिंता और ‘समर सैड’ जैसी मानसिक स्थितियां जन्म ले सकती हैं।
इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal Affective Disorder) कहा जाता है, जिसमें मौसम परिवर्तन के कारण मानसिक संतुलन प्रभावित होता है।
डॉ. सुरेंद्र सिंह ने दीं ये अहम सावधानियां:
– आवश्यक हो तभी दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर निकलें।
– बाहर निकलने पर सिर और चेहरे को कपड़े या टोपी से ढंकें।
– छाता और सनग्लास का इस्तेमाल करें।
– बच्चों और बुजुर्गों को धूप में न निकलने दें।
– खूब पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे।
– हल्के रंग और ढीले-ढाले कपड़े पहने
– खाने-पीने में हल्के और ठंडक देने वाले पदार्थों का सेवन करें।
डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि शरीर को हाइड्रेट रखना और मानसिक तनाव से दूर रहना गर्मी में स्वस्थ रहने की कुंजी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को भी इस मौसम में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए।