सरकारी जमीन कब्जे का मामला गरमाया, जांच पर उठे सवाल
लखनऊ: मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के नन्दौली गांव में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि हिस्ट्रीशीटर (history-sheeter) व कथित भूमाफिया उमेश सिंह को तहसीलदार (Tehsildar) ऋतुराज शुक्ला का संरक्षण प्राप्त है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बार-बार की गई शिकायतों और जांच के बावजूद अवैध कब्जा हटाने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
जांच में पुष्टि, फिर भी कार्रवाई शून्य
सूत्रों का दावा है कि शिकायतों के बाद गठित जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध कब्जे की पुष्टि की, लेकिन इसके बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। ग्रामीणों का आरोप है कि तहसीलदार के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने केवल औपचारिकता निभाई और प्रभावी कदम नहीं उठाए गए।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार प्रार्थना पत्र देने और उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद कब्जा बरकरार है। इससे राजस्व प्रशासन की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रभावशाली लोगों को संरक्षण देकर सरकारी भूमि को निजी हितों के लिए इस्तेमाल होने दिया जा रहा है।
उच्चस्तरीय हस्तक्षेप की मांग
मामले के तूल पकड़ने के साथ ही ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और शासन से निष्पक्ष, स्वतंत्र जांच कराकर अवैध कब्जा हटाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।प्रशासन की ओर से इस मामले में आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है।


