– नवचयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग में शिक्षक की भूमिका पर प्रेरणादायी सत्र आयोजित
फर्रुखाबाद: विद्या भारती (Vidya Bharti) द्वारा आयोजित नवचयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के अंतर्गत शनिवार को प्रेरणादायी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम चक्र के इस सत्र में “समाज परिवर्तन में शिक्षक (Teacher) की भूमिका” विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में नगर संघचालक सुशील वर्मा, प्रदेश निरीक्षक अयोध्या प्रसाद तथा प्रांत संगठन मंत्री श्री रजनीश जी उपस्थित रहे।
प्रमुख सत्र को संबोधित करते हुए श्री रजनीश जी ने कहा, “शिक्षक समाज का सच्चा मार्गदर्शक होता है और वह परिवर्तन का संवाहक है।” उन्होंने संत कबीर की प्रसिद्ध पंक्ति “गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाय” का उल्लेख करते हुए शिक्षक की गरिमा और समाज में उसकी केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही समाज में समरसता, सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि की स्थापना की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि शिक्षक न केवल ज्ञान का प्रदाता होता है, बल्कि सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वासों और असमानताओं को मिटाने वाला भी होता है। उन्होंने विवेकानंद, महात्मा गांधी, महर्षि अरविंद, भगिनी निवेदिता, रवीन्द्रनाथ ठाकुर और सावित्रीबाई फुले जैसे महापुरुषों के उदाहरण देते हुए कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और शिक्षक उस परिवर्तन का माध्यम बनता है।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में “शिक्षक का व्यक्तित्व” विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता तभी सुधर सकती है, जब श्रेष्ठ विद्यार्थी शिक्षक बनने के लिए प्रेरित हों। साथ ही छात्र में नेतृत्व, उत्तरदायित्व और संगठन क्षमता के विकास के लिए शिशु सभा, बालभारती, छात्र संसद और खोया-पाया विभाग जैसी गतिविधियाँ आवश्यक हैं।
प्रशिक्षण वर्ग में बड़ी संख्या में नवचयनित आचार्यों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। इस अवसर पर कानपुर संभाग निरीक्षक अजय द्विवेदी, बांदा संभाग निरीक्षक शिवकरन जी, प्रांत सेवा प्रमुख शिवसिंह, प्रधानाचार्य रामकृष्ण बाजपेई जी, श्रीनारायण मिश्र, ओम प्रकाश शुक्ला, धर्मवीर सिंह, आशीष दीक्षित जी तथा प्रांत सोशल मीडिया प्रमुख आकाश श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।