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Thursday, October 9, 2025

तंबाकू कारोबार की आड़ में करोड़ों की टैक्स चोरी कर अरबों के वारे न्यारे करते एक छोटे से कस्बे के बड़े खिलाडी

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– कांग्रेस नेता लल्ला साबिर, भाई मुन्ना और कई नामचीन व्यापारी चढ़े जिम्मेदारों की नजर मे
– केंद्र सरकार के जिम्मेदार दंग, बड़ी कार्यवाही की सुगसुबाहत

कायमगंज,फर्रुखाबाद। जनपद के कायमगंज से एक बार फिर देशभर को हिला देने वाला तंबाकू टैक्स चोरी रैकेट सामने आया है। करोड़ों के इस काले खेल का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस नेता लल्ला साबिर और उसका भाई मुन्ना साबिर है। ‘करंट छाप’ और ‘ताज छाप’ जैसे ब्रांड की आड़ में यह परिवार हर साल करोड़ों की जीएसटी और इनकम टैक्स चोरी को अंजाम दे रहा है।

सूत्रों के अनुसार लल्ला साबिर के प्रतिष्ठानों पर पूर्व में विभागीय रेड पड़ चुकी है, लेकिन रसूख और राजनीतिक पकड़ के चलते मामले को दबा दिया गया। लाला साबिर न सिर्फ कारोबारी है, बल्कि चुनाव लड़ चुके नेता भी हैं। अब उनके संस्थानों की गतिविधियां फिर से जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।

इस खेल में ‘काका छाप’ ब्रांड के मालिक पहलाद नारायण अग्रवाल का नाम भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि अग्रवाल भी तंबाकू की पैकिंग और बिक्री के नाम पर फर्जी बिलिंग और टैक्स चोरी में लिप्त हैं। दिखावे के लिए उन्होंने एक न फाउंडेशन नाम का स्कूल खोल रखा है, लेकिन पीछे से करोड़ों की टैक्स चोरी में संलिप्त हैं।

इस पूरे नेटवर्क की जड़ें और गहराई तक फैली हैं। तंबाकू व्यापार के कथित सरगना शंभू दयाल कौशल का नाम भी इस गोरखधंधे में सामने आया है। वहीं सूचना मिली है क़ि शिव देवी इंटरप्राइजेज के मालिक सुरेंद्र गुप्ता, एक कुख्यात ट्रांसपोर्टर की मदद से अवैध माल परिवहन में लगे हुए हैं। यह तंबाकू व्यवसाय अपने कल करना में छुपाने के लिए समाज सेवा का पूरा ढोंग रचने में पीछे नहीं रहते कभी मंदिरों धार्मिक संस्थाओं की आड़ लेते तो कभी आश्रम और धर्मशालाओं का नाम रखकर बड़ी-बड़ी पूजा धार्मिक आयोजन कर कर अपने असली चेहरे को छिपाते हैं जबकि यह सबसे बड़े आर्थिक शोषक हैँ,जो सरकार की आंखों में धूल झोंक करोड़ों की प्रतिवर्ष टैक्स चोरी करते हैं।

शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि ये कारोबारी एक नहीं, कई ब्रांड नामों से अवैध तंबाकू की पैकिंग और बिक्री कर रहे हैं। पूरे कारोबार को फर्जी फर्मों, जाली बिलों, ट्रांसपोर्ट फर्जीवाड़े और हवाला जैसे तरीकों से संचालित किया जा रहा है।

लल्ला साबिर और मुन्ना साबिर के तार कांग्रेस से जुड़े, ‘करंट छाप’ और ‘ताज छाप’ ब्रांड के तहत बड़ा खेल कर सरकार को राजस्व का बड़ा चूना लगा रहे। वही पहलाद नारायण अग्रवाल ‘काका छाप’ ब्रांड के मालिक हैँ , पी एन फाउंडेशन शिक्षा संस्था की आड़ मे खुद को समाजसेवी बता कर जी एस टी मे स्थानीय अधिकारियो से मिलीभगत कर मनमानी कर रहे हैँ।

शंभू दयाल कौशल के नेटवर्क का सूत्रधार, कई व्यापारियों को जोड़ता है इसी क्रम मे सूचना मिली हैँ कि शिव देवी इंटरप्राइजेज के मुखिया सुरेंद्र गुप्ता कुख्यात ट्रांसपोर्टर की मदद से अवैध माल की आवाजाही कराते हैँ।

अब क्या? जीएसटी और आयकर विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीमें गठित कर दी हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई और नामचीन चेहरों की गिरफ्तारी और प्रतिष्ठानों पर छापेमारी हो सकती है।

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