नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के आरोपी और AIMIM प्रत्याशी ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कस्टडी परोल दी है। परोल पर बाहर आए ताहिर हुसैन ने बुधवार को मुस्ताफाबाद विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया। वो हाथ में माइक लेकर अपने समर्थकों के साथ लोगों के बीच जाकर वोट मांगते दिखे। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्ताफाबाद विधानसभा क्षेत्र में किसी भी पार्टी ने ध्यान नहीं दिया है।
चुनाव प्रचार करने पहुंचे
विधानसभा क्षेत्र से AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने कहा,कि AIMIM ने मुझे मुस्ताफाबाद विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। मैंने अपना पूरा जीवन यहीं बिताया है। आज से पहले सभी पार्टियों ने मुस्तफाबाद की उपेक्षा की, कभी स्थानीय उम्मीदवार नहीं बनाया और कभी मुस्तफाबाद के विकास के लिए काम नहीं किया। मुझे जमानत देने के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।’
‘पांच साल बाद जेल से बाहर आने पर खुश’
ताहिर हुसैन ने कहा,कि पांच साल बाद मुझे जेल से बाहर आने का मौका मिला है, और मैं बहुत खुश हूं। जब मैं जेल से बाहर आ रहा था, तो मैं चिंतित और परेशान था, लेकिन अब मैं खुश हूं क्योंकि इतने सारे लोग मुझसे मिलने, मुझे देखने, मेरी एक झलक पाने के लिए यहां आए। यह दर्शाता है कि पहली बार मुस्तफाबाद का एक व्यक्ति, मुस्तफाबाद का एक बेटा, एक भाई विधायक बनने वाला है।
चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट ने दी कस्टडी परोल
मंगलवार को आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने प्रचार के लिए कस्टडी परोल दी है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की तीन जजों की बेंच ने हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पुलिस हिरासत में प्रचार करने की इजाजत दी है। याचिका में हुसैन ने प्रचार के लिए हिरासत में रहते हुए ही मतदाताओं से संपर्क करने की इजाजत मांगी थी।
परोल के लिए लगाई ये शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तें लगाते हुए कहा कि हुसैन को केवल दिन के समय पुलिस कस्टडी में जेल से बाहर जाने की अनुमति होगी और हर रात उन्हें जेल लौटना होगा। पीठ ने कहा कि हुसैन को कस्टडी परोल के लिए प्रतिदिन 2.47 लाख रुपये सुरक्षा खर्च के रूप में जमा करने होंगे।