– तीन अलग-अलग तकनीकों का सफल परीक्षण, 2025 तक 3,000 किमी इलेक्ट्रिफाइड रोड नेटवर्क का लक्ष्य
स्टॉकहोम। स्वीडन ने इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए दुनिया का पहला ऐसा देश बनने का गौरव हासिल किया है, जहां सार्वजनिक सड़कों पर चलते-चलते इलेक्ट्रिक ट्रकों को चार्ज करने की तकनीक का सफल परीक्षण किया गया है। पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए यह प्रयोग वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण बनता जा रहा है।
स्वीडन ने अलग-अलग वर्षों में तीन तकनीकों पर काम कर दुनिया को दिखा दिया है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का भविष्य केवल कल्पना नहीं, सच्चाई बन चुका है।
स्वीडन ने ई16 मोटरवे पर एक 2 किमी लंबा ट्रायल लॉन्च किया, जिसमें ट्रकों को ऊपर लगे तारों से पैंटोग्राफ की मदद से बिजली मिली। यह दुनिया का पहला सार्वजनिक राजमार्ग था जहां इस तकनीक का इस्तेमाल हुआ।
स्टॉकहोम एयरपोर्ट के पास एक अन्य 2 किमी के सेक्शन पर इलेक्ट्रिक ट्रकों को नीचे ज़मीन में लगी ग्राउंड-रेल से चार्ज किया गया। वाहन में लगे मूवेबल आर्म के ज़रिए बिजली ट्रांसफर होती थी।
गोटलैंड द्वीप पर पहली बार वायरलेस इंडक्टिव चार्जिंग तकनीक को सार्वजनिक सड़कों पर उपयोग किया गया। इसके अंतर्गत ट्रक बिना किसी केबल या तार के, सड़क के नीचे लगी चिप्स के माध्यम से चलते समय चार्ज हो रहे थे।
स्वीडन की सरकार अब ई20 जैसे प्रमुख राजमार्गों को स्थायी इलेक्ट्रिफाइड रोड नेटवर्क में तब्दील करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसका पहला चरण 2025 तक शुरू हो जाएगा और लक्ष्य है कि कुल 3,000 किमी लंबी सड़कें इस तकनीक से लैस हो जाएं।
स्वीडन के इन नवाचारों से यह साबित होता है कि जलवायु संकट से निपटने के लिए तकनीकी समाधान संभव हैं।
ओवरहेड वायर, ग्राउंड-रेल और वायरलेस चार्जिंग – तीनों तकनीकों में “दुनिया में पहली बार सार्वजनिक प्रयोग” करके स्वीडन ने टिकाऊ परिवहन का नया रास्ता दिखाया है।